हमीरपुर, 4 अगस्त : बड़सर रोपा राजपूत गांव को काले पानी की सजा, आजादी के बाद भी सड़क नसीब नहीं हो पा रही है। आजादी के 74 वर्ष बीत जाने पर भी भारत में आज के समय में बड़सर बाजार से मात्र 4 किलोमीटर दूर रोपा राजपूत गांव में अब तक सड़क नहीं बन पाई है। ग्राम वासियों का जीवन अभी भी काले पानी की सजा काटने को मजबूर हैं।
पंचायत जोड़े अंब गांव रोपा राजपूत के लोगों का कहना है कि वह आज तक यही महसूस करते हैं कि हम काले पानी की सजा काट रहे हैं। आज तक जितने भी लोग यहां से चुनाव जीते हैं सभी ने उन्हें ठगने का काम किया है। लेकिन किसी ने भी इस गांव के लिए सड़क बनाने की पहल नहीं की।
गांव वालों का कहना है कि यह गांव राजनीति का शिकार हुआ है। किसी ने भी इस गांव के लिए सड़क निकालने की कोशिश नहीं की। सबने गांव के लोगों को वोट के लिए इस्तेमाल किया है। किसी भी आपातकालीन स्थिति में मरीजों या गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पीठ पर उठाकर सड़क पर ले जाना पड़ता है। हाल ही में गांव की एक औरत पूनम कुमारी को सड़क हादसे में काफी चोटें आई थी। उसे इलाज के लिए हमीरपुर ले जाना पड़ता है। ऐसे में पूनम को चारपाई पर उठाकर मेन रोड़ तक ले जाया जाता है।
गांव वासियों का कहना है कि अब सब्र का बांध टूट चुका है। पीड़ित पूनम कुमारी का कहना है कि इस गांव में अगर सड़क होती तो मेरे परिवार को मुझे हॉस्पिटल ले जाने के लिए चारपाई की जरूरत न पड़ती।
पूनम कुमारी के पति पवन कुमार का कहना है कि सड़क न होने के कारण उसे अपनी पत्नी किरण कुमारी को हॉस्पिटल ले जाने के लिए पहले गांव में जाकर चारपाई उठाने के लिए गांव वासी ढूंढने पड़ते हैं। तब जाकर अपनी पत्नी को वह मेन रोड तक पहुंचा पाता है। आज यह हादसा उनकी पत्नी के साथ हुआ है, कल किसी और के साथ भी हो सकता है। विधायक इंद्रदत्त लखनपाल को शीघ्र इस सड़क का निर्माण करवाना चाहिए, ताकि कल को ग्रामीणों को यह परेशानी झेलनी ना पड़े। ऐसे में पवन कुमार और ग्रामीणों का मुख्यमंत्री से आग्रह है कि जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान किया जाए।