शिमला, 1 अगस्त : हिमाचल सरकार एफसीए और एफआरए की मंजूरी के बाद 57 प्रोजेक्टों पर काम शुरू करने की कवायद में जुट गई है। प्रदेश के वन विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इन प्रोजेक्टों के निर्माण की अनुमति मांगी है।
इनमें सड़क, पावर, मार्केट यार्ड, काॅलेज बिल्डिंग, बस स्टेंड, रेलवे लाइन और सरकारी कार्यालय के लिए भवन निर्माण के प्रोजेक्ट शामिल है। वन विभाग ने निर्माण कार्य के लिए इस साल केंद्र को एफसीए और एफआरए की मंजूरी के लिए मामला दिल्ली भेजा था। केंद्र ने तो इन प्रोजेक्टों को मंजूरी दे दी लेकिन सुप्रीम कोर्ट से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद ही संबंधित विभाग इन प्रोजेक्टों पर काम शुरू कर पाएंगे।
हिमाचल वन विभाग की प्रधान मुख्य अरण्यपाल सविता शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार ने जिन 57 प्रोजेक्टों को एफसीए और एफआरए की मंजूरी दी है, उन प्रोजेक्टों पर काम शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है। दरअसल इन प्रोजेक्टों पर काम के लिए 81.63 हेक्टेयर वन भूमि को इस्तेमाल में लाया जाना है। चूंकि इन प्रोजेक्टों के लिए निर्माण के लिए वन भूमि भी शामिल है, इसलिए केंद्र सरकार को एफसीए और एफआरए की परमिशन के लिए प्रस्ताव दिल्ली भेजा गया था। सड़कों के निर्माण के लिए 18 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि को इस्तेमाल में लाया जाना है।
इसी तरह हाइडल प्रोजेक्ट के लिए 1.098, एपीएमसी कुल्लू और लाहौल स्पीति में मार्केट यार्ड के लिए 0.69 हैक्टेयर, सुंदरनगर में टैक्नीकल एजुकेशन टेनिंग सेंटर के लिए 0.8598, एचआरटीसी बस स्टैंड के लिए 1.4897, रेल विकास निगम लिमिटेड के लिए 56.36, चंबा और थुनाग में सरकारी कार्यालय के निर्माण के लिए 0.152 और 0.4427 हेक्टेयर वन भूमि को इस्तेमाल में लाया जाना है।
इसके अलावा विभाग ने 39 एफसीए केस को अंतिम मंजूरी देने के लिए कोर्ट से परमिशन मांगी है। इसमें भी 35 प्रोजेक्ट सड़कों के, 3 प्रोजेक्ट पीने के पानी के, एक प्रोजेक्ट उचित मूल्य की दुकान खोलने का है। इन प्रोजेक्टों के निर्माण के लिए 18.59 हेक्टेयर जमीन इस्तेमाल में लाई जानी है। इन प्रोजेक्टों के बन जाने से 22 हजार 603 लोग लाभान्वित होंगे।