शिमला, 31 जुलाई : हिमाचल प्रदेश में मानसून की रफ्तार काफी तेज है। प्रदेश में मानसून जमकर बरस रहा है। इससे कई जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। राज्य में डेढ़ दशक के बाद जुलाई में मानसून की व्यापक बारिश दर्ज की गई है। इस बार जुलाई महीने में सामान्य से छह फीसदी अधिक बारिश हुई है।
पहली से 31 जुलाई तक प्रदेश में 289 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। जबकि इस अवधि में सामान्य बारिश 273 मिलीमीटर मानी गई है। जुलाई महीने की बारिश ने पिछले 15 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है। इससे पहले जुलाई 2005 में राज्य में सामान्य से सात फीसदी 309 अधिक बारिश हुई थी। जुलाई 2020 में सामान्य से 27 फीसदी बारिश दर्ज की गई थी।
मौसम विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार जुलाई 2021 में भारी बारिश के कारण राज्य में आठ दिन भूस्खलन की घटनाएं हुईं, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। वर्षा से जुड़ी घटनाओं में कई लोगों की जान गई, वहीं कई अभी भी लापता हैं। कई लोगों के मकान तबाह हो गए। 12 व 13 जुलाई को कांगड़ा के धर्मशाला, शाहपुर और बैजनाथ में भूस्खलन हुए। इसी तरह 19 व 20 जुलाई को चंबा के बलोगी और कांगड़ा के देहरा, 25 जुलाई को किन्नौर के बटसेरी व सांगला, 27 व 28 जुलाई को चंबा, कुल्लू व लाहौल-स्पीति और 30 जुलाई को पांवटा साहिब में एनएच-707 पर भूस्खलन हुआ।
रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई 2021 के दौरान जुलाई महीने में भारी वर्षा के 12 स्पेल हुए हैं। इस दौरान 11, 12, 16, 19, 20, 25, 26, 27, 28, 29, 30 और 31 जुलाई को भारी बारिश दर्ज हुई है। जिला कुल्लू में अत्यधिक वर्षा हुई, जबकि हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला व ऊना में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। वहीं बिलासपुर, चंबा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, सिरमौर और सोलन में बारिश सामान्य से कम रही।
मौसम विभाग की रिपोर्ट पर नजर डालें तो जुलाई में कुल्लू में सामान्य से 90 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई। इसी तरह कांगड़ा में सामान्य से 32 फीसदी, हमीरपुर में 25 फीसदी, मंडी में 16 फीसदी, शिमला में 15 फीसदी और उना में दो फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है।
लाहौल-स्पीति ऐसा जिला है, जहां सामान्य से 50 फीसदी कम बारिश रिकार्ड की गई। चंबा में सामान्य से 32 फीसदी कम बारिश हुई। इसके अलावा सोलन में सामान्य से 14 फीसदी, सिरमौर में सामान्य से 13 फीसदी, किन्नौर में सामान्य से छह फीसदी और बिलासपुर में सामान्य से एक फीसदी कम बारिश रही।