शिमला, 31 जुलाई : निजी बस ऑपरेटरों ने एचआरटीसी से हड़ताल के दौरान हुए नुकसान की भरपाई की मांग की है। ऑपरेटरों ने मांग की है कि निगम यह भरपाई निगम चालक परिचालकों के वेतन काट कर करें। प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर एवं प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने शनिवार को कहा कि एचआरटीसी के चालकों और परिचालकों द्वारा जो हड़ताल की गई थी, उससे निजी बस ऑपरेटरों को बहुत नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि एचआरटीसी के चालकों परिचालकों ने बिना किसी मुद्दे को लेकर हड़ताल की और बस स्टैंड बंद कर दिए, जिस कारण बस स्टैंड में निजी बसों की आवाजाही नहीं हुई, इस कारण निजी बसें बस अड्डे में नहीं जा सकी और बस ऑपरेटरों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी के चालकों और परिचालकों की यह हड़ताल बिना किसी मुद्दे को लेकर लड़ी गई थी जबकि किसी अधिकारी का ट्रांसफर करना सरकार का विशेष अधिकार होता है।
उन्होंने कहा कि निजी बस ऑपरेटरों के खिलाफ चालकों और परिचालकों द्वारा की गई बयानबाजी भी तथ्यों से विपरीत है और चालकों परिचालकों को किसी भी कानून की जानकारी नहीं होती और उल्टे सीधे आरोप बिना किसी मतलब के निजी बस ऑपरेटर पर लगाते हैं। उन्होंने कहा कि निजी बस ऑपरेटर संघ इस बारे में कानूनी राय ले रहा है यदि एचआरटीसी के चालकों और परिचालकों द्वारा की गई बयानबाजी तथा आरोपों पर कोई कानूनी कार्रवाई बनती है तो निजी बस ऑपरेटर संघ न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा।
उन्होंने कहा कि एचआरटीसी के चालकों परिचालकों की हड़ताल के दौरान निजी बस ऑपरेटरों को हुए घाटे की भरपाई करने की मांग प्रबंध निदेशक से की है। उन्होंने कहा कि चालक परिचालक नारेबाजी करते उसमें कोई आपत्ति नहीं है। बस स्टैंड बंद करने का अधिकार एचआरटीसी के कर्मचारियों को नहीं है।
उन्होंने प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक से आग्रह किया है कि जो निजी बस ऑपरेटर को नुकसान हुआ है उसकी भरपाई एचआरटीसी के चालकों परिचालकों के वेतन से करें अन्यथा न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा।