मंडी, 27 जुलाई : हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने राज्य सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। यह अल्टीमेटम हाल ही में सरकार की तरफ से अश्विनी ठाकुर गुट के कर्मचारी संघ को दी गई मान्यता के विरोध में दिया गया है। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष एनआर ठाकुर ने मंडी में कहा कि राज्य सरकार ने 90 प्रतिशत कर्मचारियों को दरकिनार करते हुए एक छोटे दल को मान्यता दी है और सरकार का यह निर्णय किसी भी कर्मचारी के गले नहीं उतर रहा है।
उन्होंने कहा कि मान्यता देना सीएम का विशेषाधिकार है, लेकिन उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए था कि प्रदेश के कर्मचारी किस दल के साथ हैं। इन्होंने वार्ता के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया है, जोकि निमंत्रण आने पर सीएम से वार्ता के लिए जाएगी। इन्होंने स्पष्ट कहा है कि अगर सरकार 15 दिनों में वार्ता के लिए नहीं बुलाती है तो फिर बड़े आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी।
एनआर ठाकुर ने कहा कि वे चाहते हैं कि जयराम ठाकुर लंबे समय तक प्रदेश का नेतृत्व करें और इसके लिए वे उनके हाथ भी मजबूत करना चाहते थे, लेकिन सरकार ने कर्मचारियों के बड़े तबके को नजरअंदाज किया है। उन्होंने सलाह दी कि टकराने से सरकार और कर्मचारी वर्ग, दोनों का ही नुकसान होगा, इसलिए सरकार समय रहते ठोस कदम उठाए।