शिमला, 24 जुलाई : हिमाचल प्रदेश में नेशनल हाईवे(National Highway), स्टेट हाईवे सहित तमाम सड़कों के किनारे से अवैध (Enrochment) कब्जे हटाए जाएंगे। हाईकोर्ट (High Court) ने इस बाबत राज्य सरकार (State government) को आदेश दिए हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ(Bench) ने राज्य सरकार को आदेश दिए है कि वह तीन महीनों के भीतर राज्य के सभी नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे और अन्य सड़कों से अवैध कब्जों को हटाये।
खंडपीठ ने अपने आदेशों की अनुपालना(compliance) के लिए राज्य के मुख्य सचिव को सुनिश्चित किया है। कोर्ट ने अपने आदेशो (Orders) में कहा कि अवैध कब्जाधारियों द्वारा अपनी आजीविका (livelihood) के लिए सड़क के किनारे बनाए गए अस्थाई निर्माणों को अनदेखा नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक सम्पति (Public Property) पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए अदालत कर्तव्यबाध्य है .अवैध कब्जाधारियों को दयाभाव( kindness) के आधार पर नहीं बक्शा जा सकता।
हिमाचल हाईकोर्ट ने ये आदेश ठियोग क्षेत्र के नरेल नामक स्थान के निवासी हरनाम सिंह उर्फ रिंकू चंदेल द्वारा याचिका(Petition) को खारिज करते हुए पारित किये। दरअसल प्रार्थी ने कोर्ट से गुहार लगाईं थी कि उसके द्वारा सड़क(Road) के किनारे बनाए गए ढाबे को न गिराया जाए।
मामले में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी ने नेशनल हाईवे(National Highway) पर एक ढाबे का अवैध रूप से निर्माण किया है, जिससे वह अपने परिवार (Family) का पेट पालता है। लेकिन लोक निर्माण विभाग(Public Works department) ने उसे नोटिस (Notice) जारी कर ढाबे को हटाने का आदेश दिया। इस आदेश हो प्रार्थी ने हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी। दलील दी गई कि प्रार्थी (Applicant) अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए ढाबे को चलाता है।
इस ढाबे के निर्माण करने से न को ट्रैफिक (Traffic) रुकता है और न ही किसी अन्य को कोई परेशानी है। यही नहीं दलील(Plead) दी गई कि नेशनल हाईवे पर अवैध निर्माण करना वाला पार्थी अकेला नहीं है बल्कि प्रदेश(State) भर में लोगो ने सड़क के किनारे अवैध निर्माण किया है और अपनी आजीविका (livelihood) कमा रहे है। इसलिए उसके द्वारा किये गए अवैध निर्माण को हटाने बारे दिए गए आदेशो को रद्द किया जाए।
कोर्ट ने मामले से जुड़े तमाम रिकॉर्ड (Record) का अवलोकन करने के पश्चात् पाया कि अवैध कब्जाधारिओ द्वारा अपनी आजीविका के लिए सड़क के किनारे बनाए गए अस्थाई निर्माणों को अनदेखा नहीं किया जा सकता।