नाहन, 22 जुलाई : हिमाचल में दो पक्षियों की प्रजाति (Species) को पहली बार रिपोर्ट करने पर श्री रेणुका जी में तैनात वाइल्ड लाइफ के वनरक्षक (Forest Guard of Wild Life) वीरेंद्र को राज्य स्तर पर ‘‘सर्वोत्तम वन्य जीव मित्र’’ पुरस्कार से नवाजा गया है। वहीं, नाहन वनमंडल के अंतर्गत त्रिलोकपुर रेंज के वन परिक्षेत्र अधिकारी (forest range officer) तोताराम ठाकुर को 2019-20 में उत्कृष्ट कार्यों के लिए स्टेट अवार्ड से नवाजा गया है। इसमें बेहतरीन डैम (Dam) का निर्माण बड़ी उपलब्धि है। कुल्लू के आनी में आयोजित राज्य स्तरीय वन महोत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पुरस्कार से अलंकृत किया।
तकरीबन 15 साल पहले कफोटा के नजदीक थाना गांव के रहने वाले वीरेंद्र की नियुक्ति बतौर वनरक्षक हुई थी। तब से ही वो वन्यप्राणी विंग (wildlife wing) में ही तैनात हैं। श्री रेणुका जी स्थानांतरित (Transfer) होने से पहले वीरेंद्र सराहन के जजुराना प्रोजैक्ट में भी बेहतरीन कार्य कर चुके हैं। राज्य में पक्षियों की साइबेरियन रूबीथ्रोट (Siberian Rubythroat) व रियूफस वुडपेकर (Rufous Woodpecker) ऐसी प्रजातियां थी, जो पहले कभी रिपोर्ट नहीं हुई थी।
वनरक्षक वीरेंद्र ने इन्हें साइट कर साक्ष्य (evidence) के तौर पर विभाग को रिकॉर्ड उपलब्ध करवाया था। पुरस्कार के हकदार वीरेंद्र इस कारण भी बने, क्योंकि वो पक्षियों की स्टडी को विभाग से एक अंतराल पर लगातार सांझा करते रहे। इसके अलावा सांप की भी एक ऐसी प्रजाति को भी पहली बार रिपोर्ट किया था तो इससे पहले हिमाचल में नहीं पाई गई थी।
गौरतलब है कि हाल ही में कोलर के समीप किंग कोबरा (King Cobra) की साइटिंग की खबर मिलने के बाद वनरक्षक वीरेंद्र कई दिन तक साल के जंगलों में इस कारण भटकते रहे थे कि शायद शानदार स्नेक के उन्हें दीदार हो जाएं, मगर ऐसा हुआ नहीं था। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत मेें वीरेंद्र ने कहा कि वन्यप्राणियों (wild animals) के प्रति उनका गहरा लगाव है। शुरू से ही इसका जुनून भी रहा है। कुछ नया मिलने की उम्मीद में एक सैकेंड गंवाए बगैर ही जंगल का रुख कर लेते हैं।
गौरतलब है कि अलग-अलग कैटेगरी में पूरे प्रदेश में 10 वनरक्षकों को उत्कृष्ट कार्य (Outstanding Work) के लिए सम्मानित किया गया।
उधर, त्रिलोकपुर रेंज के वन रेंजर तोताराम ठाकुर को भी राज्य स्तरीय पुरस्कार से नवाजा गया है। वन परिक्षेत्र अधिकारी को ‘‘सर्वोत्तम वन सेवा पुरस्कार’’ सूबे के मुख्यमंत्री के हाथों प्राप्त हुआ है। हालांकि 2019-20 के वित्तीय वर्ष में वन परिक्षेत्र अधिकारी की उपलब्धियों की फेहरिस्त (List of Achievements) लंबी है, लेकिन मुख्य तौर पर हरियाणा की सीमा के नजदीक 26 हजार क्यूबिक मीटर (Cubic meter) का जलाशय (डैम) बनाना अहम उपलब्धि है।
इसके पीछे एक खास मकसद था। इसके मुताबिक वन्यप्राणियों को पेयजल उपलब्ध करवाना तो था ही, साथ ही जल संरक्षण भी एक सोच थी। मकसद ये भी है कि पानी के भंडारण से आसपास के इलाकों में भूमिगत पानी (Underground water) का जलस्तर बढ़ने की गुंजाइश रहती है।
सैनधार की कोटला मोलर पंचायत के रहने वाले रेंजर तोताराम ठाकुर ने बताया कि रेंज की कोई भी उपलब्धि बगैर स्टाफ की मेहनत के संभव नहीं थी। उनका कहना था कि चूंकि इस रेंज के अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Area) कालाअंब भी है, लिहाजा एनजीटी के आदेशों की पालना को भी सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की गई। बातचीत के दौरान वो बार-बार कहते रहे कि वो अकेले कुछ नहीं कर सकते थे, ये स्टाफ की बदौलत संभव हुआ है।
बता दें कि हिमाचल के वन विभाग की त्रिलोकपुर रेंज पड़ोसी राज्य हरियाणा की सीमा पर स्थित है। इस कारण यहां डयूटी के दौरान कई चुनौतियां भी रहती हैं। अवैध खनन को लेकर भी चुनौती रहती है।
गौरतलब है कि पांवटा साहिब के डीएफओ कुणाल अंगरिश को भी राज्य स्तरीय पुरस्कार से नवाजा गया है। 17 मंे से तीन अवार्ड सिरमौर के हिस्से आए हैं।