नाहन, 23 जुलाई : करीब-करीब 65 साल में पहली बार नाहन वन वृत (Forest Circle) को अरण्यपाल (Conservator) के तौर पर महिला अधिकारी(Lady Officer) मिली है। खास बात यह है कि वो यंग फाॅरेस्ट कंजरवेटर (अरण्यपाल) हैं। 2005 बैच की आईएफएस (Indian Forest Services) सरिता कुमारी मूलतः सोलन के धर्मपुर की रहने वाली हैं। लगभग 7 साल तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति(Central deputation) के बाद इसी साल वापस हिमाचल लौटी थी।
हालांकि वन अरण्यपाल(Conservator of Forests) सरिता कुमारी ने सिरमौर में अपनी पारी फरवरी माह में ही शुरू कर दी थी, लेकिन इस बात का इल्म किसी को नहीं था कि वो 39 साल की उम्र में अरण्यपाल बनने वाली पहली महिला हैं। साथ ही कम उम्र में काफी तर्जेुबे भी हासिल किए हैं। उल्लेखनीय है कि हिमाचल के वन विभाग (Forest department) में पहली महिला पीसीसीएफ बनने का गौरव डाॅ. सविता को हासिल है। 1985 बैच की आईएफएस डाॅ. सविता इस समय राज्य की मुखिया है।
वन अरण्यपाल सरिता कुमारी ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान देश के ग्रामीण विकास विभाग (Rural development department) में उप सचिव के तौर पर सेवाएं दी। इसके बाद वो भारतीय वन अनुसंधान केंद्र देहरादून में टीचिंग फैकल्टी में रही। पति भी सोलन में इसी पद पर तैनात हैं। हालांकि अरण्यपाल सरिता ने कृषि व माइक्रो बायोलाॅजी (Microbiology) में पढ़ाई की है, लेकिन बचपन से जंगलों व वन्य प्राणियों (Wild life) के प्रति गहरे लगाव ने उन्हें आईएफएस अधिकारी बना दिया।
दरअसल, बुधवार को समूचे सिरमौर में वन महोत्सव मनाया जा रहा था। इसी दौरान ये बात भी चर्चा में आई कि नाहन वृत (Nahan forest circle) में पहली महिला अरण्यपाल के तौर पर सरिता कुमारी तैनात हुई है। आठ साल के बेटे की परवरिश (Upbringing) के साथ-साथ वो एक यंग अधिकारी(Young Officer) के तौर पर अपनी जिम्मेदारी का बखूबी पालन करने का प्रयास कर रही है।
बता दें कि महिलाओं की तीन दशक पहले तक वन व पशुपालन विभाग में भागीदारी शून्य के करीब होती थी, मगर धीरे-धीरे बदलाव हुआ। इस समय नाहन वृत में लेडी फाॅरेस्ट गार्डस (Lady Forest guards) की संख्या 13-14 के करीब है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में अरण्यपाल सरिता कुमारी ने कहा कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले वो वाइल्ड लाइफ के अलावा वन विभाग के अलग-अलग मंडलों में तैनात रहीं।
शायद ऐसा भी…
शायद ऐसा भी पहली बार ही हुआ है, जब इतनी कम उम्र के आईएफएस को नाहन वृत में अरण्यपाल के तौर पर तैनाती मिली हो। यानि यंग आईएफएस के नाम दो रिकाॅर्ड (Records) हो सकते हैं। पहला उम्र, दूसरा महिला।
ये बताई प्राथमिकता…
एमबीएम न्यूज से बातचीत में भारतीय वन प्रशासनिक सेवा अधिकारी सरिता कुमारी ने कहा कि वो इस बात को लेकर काफी उत्साहित हैं कि एक ऐसे जिला में तैनाती मिली हैं, जहां पर जंगलों (Forests) की सुरक्षा (Protection) के साथ-साथ विस्तार की काफी संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की सीमा से शिमला जिला के बाॅर्डर तक जंगल मौजूद हैं। इसमें भी कई ऐसी प्रजातियां (Species) हैं, जो केवल सिरमौर में हैं।
वाइल्ड लाइफ को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में भी सिरमौर काफी समृद्ध (Prosper) है। उन्होंने बताया कि दायित्व संभालने में सबसे पहली प्राथमिकता प्लास्टिक (Plastic) के उपयोग को रोकना है। उन्होंने कहा कि बुधवार को भी वन विभाग के पौधारोपण(Tree Plantation) के कार्यक्रमों में प्लास्टिक की बोतलें व अन्य सामान की बजाय दोनों व पत्तलों का इस्तेमाल किया गया।
उन्होंने बताया कि बर्ड वाॅचिंग को लेकर वो काफी दिलचस्पी रखती हैं। मौका मिलते ही स्कूली बच्चों के लिए बर्ड वाॅचिंग को लेकर भी कदम उठाए जाएंगे।