शिमला, 18 जुलाई : हिमाचल प्रदेश का सेब आगामी दिनों में आनलाइन शाॅपिंग कपंनी अमेजन पर भी उपलब्ध होगा। अमेजन सहित रिलायंस बिग बास्केट, मदर डेयर डेयरी जैसी बड़ी कंपनियां हिमाचल का सेब खरीदेंगीं। इस कंपनियों को सेब खरीदने के लिए कृषि उत्पाद बाजार समिति यानी एपीएमसी ने करार किया है।
एपीएमसी शिमला-किन्नौर के चेयरमैन नरेश शर्मा ने आज शिमला में प्रेस वार्ता में कहा कि सेब की खरीद के लिए ये कंपनियां जल्द ही हिमाचल प्रदेश में कलेक्शन सेंटर खोलेगी। सेब खरीदने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और इससे प्रदेश के बागवानों को लाभ मिलेगा। नरेश शर्मा ने बताया कि ट्रायल के आधार पर इस साल ये कंपनियां बागवानों का सेब खरीदेगी। अगर इन कंपनियों का ट्रायल सफल होता है तो हर वर्ष कंपनियां बागवानों का सेब खरीदेगी।
उन्होंने बताया कि एपीएमसी मंडियों को डिजिटलाइज किया जा रहा है। एक माह के भीतर सभी मंडियां आनलाइन होंगी। इससे बागवानों को सेब व सब्जियों के दाम ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।
उन्होंने बताया कि बागवानों के साथ हुई 35 करोड़ की ठगी को लेकर एसआइटी का गठन किया गया है। एसआईटी अब तक 15 करोड़ की राशि बागवानों को दिला चुकी है। वहीं एपीएमसी 3 करोड़ की राशि बागवानों को वापस दिलाने में कामयाब रही। बागवानों का 18 करोड़ अभी भी आढतियों के पास फंसा है। उन्होंने कहा कि आढ़ती सेब तो खरीद लेते हैं, लेकिन बदले में बागवानों को उसकी पेमेंट नहीं करते हैं। कहा कि यदि कोई बागवान किसी आढ़ती के खिलाफ शिकायत कर दे तो उस आढ़ती का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
नरेश शर्मा ने बताया कि बागवानों को कार्टन के बढ़े हुए दामों से छुटकारा दिलाने के लिए पहली अगस्त से के्रट सिस्टम शुरू किया जाएगा। एक से अधिक बार प्रयोग होने वाले क्रेट की कीमत 250 रुपए होगी, जबिक एक बार प्रयोग होने वाली क्रेट की कीमत 80 से 90 रुपए तक होगी।