धर्मशाला, 16 जुलाई : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं हिमाचल प्रदेश के छह बार के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद पहली बार मुख्यमंत्री पद पर किसी जिले के लिए दावा ठोका है। कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री जीएस बाली ने कहा है कि 50 साल बाद मुख्यमंत्री का चेहरा जिला कांगड़ा से होना चाहिए। जीएस बाली के इस बयान के बाद सूबे की सियासत गरमा गई है। गुरुवार को मीडिया के सवाल में बाली ने कहा कि जिला कांगड़ा का मुख्यमंत्री की सीट पर पूरा अधिकार है।
इसे कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता। सूबे की सियासत की गाड़ी यहीं से निकलती है, तभी वह शिमला पहुंचती है। अब समय की भी यही पुकार है। वीरभद्र के बाद अब हिमाचल में कांग्रेस का नेता कौन होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जिसके लिए पार्टी और लोग मानेंगे, वही नेता होगा। दावा करने से कुछ नहीं होगा। नेता जनता और पार्टी हाईकमान बनाएगी। गुटबाजी के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। अगर गुटबाजी होगी भी तो एक डिनर में खत्म हो जाएगी। बाली ने प्रदेश सरकार के मिशन रिपीट को मिशन डिफीट करार दिया है।
नई बसें खरीदने की क्या जरूरत पड़ गई सरकार को
पूर्व मंत्री जीएस बाली ने परिवहन विभाग को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कहा कि न जाने क्या जरूरत पड़ गई कि सरकार नई बसें खरीद रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले ही बसें खड़ी हैं जिन्हें चलाने की जरूरत है न की नई बसें खरीदने की। उन्होंने कहा कि सरकार सही नियत से काम करें, ताकि प्रदेश के हित में कार्य हो सके। केंद्रीय विश्वविद्यालय मुद्दे पर जीएस बाली ने कहा कि यहां भी फर्जी तरीके से भर्तियां की गई हैं, जिस की भी जांच करनी चाहिए