शिमला, 14 जुलाई : हिमाचल में लेडी कांस्टेबल मनीषा की जांबाजी व साहस चर्चा में है। हो भी क्यों न, हर कोई 400 मीटर खड़ी ढांक में उतर कर शव निकालने से डर रहा था। ढांक में फंसे शव को निकालना संभव नजर नहीं आ रहा था। ऐसे में लेडी कांस्टेबल मनीषा की कोशिश व साहस ने इसे मुमकिन कर दिखाया। दरअसल, लाहौल के उदयपुर उपमंडल की चुलिंग गांव में एक मारूति कार दुर्घटना का शिकार हो गई। वाहन चनाब नदी में समा चुका था, मगर शिक्षा विभाग के हैड मास्टर का शव ढांक में फंस गया।
पुलिस विभाग के उदयपुर में तैनात आरक्षी मनीषा हिम्मत दिखाकर टीम के साथ ढांक में उतर गई। उपायुक्त भी मौके पर जायजे के लिए पहंुचे थे। मूलतः दुर्गम क्षेत्र तिंदी में मेहर चंद के घर जन्मी मनीषा की हिम्मत की दाद हिमाचल प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने भी दी है। हैड कांस्टेबल प्रवीण ने भी इस ऑपरेशन में मनीषा का सहयोग किया।
बता दें कि 22 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शव को मंगलवार दोपहर निकाला जा सका था। जानकारी के मुताबिक लेडी कांस्टेबल मनीषा बाॅक्सिंग की कई प्रतियोगिताओं में भी राष्ट्रीय स्तर पर लाहौल का नाम रोशन कर चुकी है। हर कोई मनीषा के अदम्य साहस की प्रशंसा कर रहा है।
इसी बीच लाहौल के एसपी मानव वर्मा ने भी मनीषा की तारीफ की है। एसपी ने भी मीडिया बयान में कहा है कि जिस जगह से शव को बरामद किया गया, वहां जाने से पुलिस कर्मियों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी डर रहे थे। लेकिन मनीषा की हिम्मत की बदौलत शव को निकाला जा सका है। उम्मीद की जानी चाहिए कि जल्द ही हिमाचल पुलिस द्वारा लेडी कांस्टेबल मनीषा को डीजीपी डिस्क अवार्ड से अलंकृत किया जाएगा।