चंबा,13 जुलाई : हाल ही सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री शिक्षको पर कोविड संकट में मजे करने की टिप्पणी कर बैठे थे। हालांकि बाद में उन्हें बैकफुट जाकर माफ़ी भी मांगनी पड़ी थी। चंबा ज़िला में एक शिक्षक चर्चा में है।
हुआ यूं कि शारीरिक शिक्षक (NPS) राकेश कुमार जब अपने मिडल स्कूल हलुंदा जा रहे थे तो इस दौरान पुखरी-माणी मार्ग रास्ता बंद था। ज्यादा मलबा होने के कारण जल्द ही सड़क के बहाल होने की उम्मीद नहीं थी। साथ ही पाया कि कई लोग फंसे हुए है। लिहाजा बेलचा लेकर मार्ग खोलने में जुट गए। गुरु जी की ऐसी सोच देखकर कुछ बाकी लोग भी मदद को आगे आ गए। अन्यथा सब लोग इसी बात का इंतजार कर रहे थे कि कब रास्ता खुलता है।
कुल मिलाकर बेलचा लेकर रास्ता गाड़ियों के निकलने लायक बनाया गया ताकि सब लोग समय पर अपने गंतव्य पर पहुंच सके। लोगो बताया कि शिक्षक ने साथियों के साथ रास्ता खोला ताकि गाड़ियां गुजर सकें।
अलबत्ता राकेश कुमार ने एक शारीरिक शिक्षक की परिभाषा को सही मायनों में परिभाषित किया है। फिर मंत्री जी कह बैठे कि अध्यापकों के मज़े हैं।