हरिपुरधार/सुरेंद्र चौहान
इन दिनों चूड़धार यात्रा पर श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र होने पर जिला प्रशासन ने कोविड प्रोटोकॉल के नियमों का निर्वहन करने के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है। प्रशासन के मुताबिक अब के बाद चूड़धार यात्रा के दौरान कई लोग टैंटों में रहकर कई दिनों तक अपना डेरा जमाए रह रहे थे। जबकि प्रशासन ने इस बात का कड़ा संज्ञान लिया है और टैंटों में रहने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
उपमंडलाधिकारी (नागरिक) चौपाल द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को यह सुझाव दिए गए हैं कि संराह से जाने वाले पर्यटकों को 2 बजे के बाद चूड़धार यात्रा पर जाने में रोक होगी और नौहराधार से 10 बजे के बाद रोक होगी तथा कुपवी, तंराह से 11 बजे के बाद रोक रहेगी। क्योंकि ऐसे में यात्रियों को काफी देर हो जाती है और समय पर चूड़धार नहीं पहुंच पाते। प्रशासन ने चूड़धार मंदिर के कपाट 4 बजे दिन में ही बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। ऐसे में यात्रियों को दर्शन नहीं हो सकेंगे।
मंदिर पर रोक लगाने का विशेष मकसद यह होगा कि चूड़धार में मंदिर सराय या धर्मशाला में कोविड प्रोटोकॉल के नियमों के तहत ठहराया नहीं जा सकता। खाने-पीने की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो सकती तो ऐसे में यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है या फिर जो यात्री बीचोंबीच टैंट लगाकर चूड़धार या उसके आसपास किसी भी स्थान पर रूकते हैं। उन सभी यात्रियों व पर्यटकों को ठहरने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मंदिर सेवा समिति चूड़धार ने माना कि विगत वर्ष से अधिक समय तक चूड़धार यात्रा नहीं हो सकी और मंदिर के कपाट खुलने के उपरांत अब लगातार भीड़ एकत्र होने लगी है।
इस दृष्टि से मंदिर सेवा समिति व प्रशासन ने चूड़धार मंदिर जाने वाले पर्यटकों को सख्त निर्देश व फरमान जारी किए हैं। कोरोना संक्रमण के चलते सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित करें यात्रियों को टेंट लगाकर रहने पर पूर्ण प्रतिबंध है।