नाहन, 6 जुलाई : एक अरसे से खाकी पहनने वालों में मानवता की मिसाल लगातार सामने आती रही है। अगर एक कोशिश पर हजारों किलोमीटर दूर बैठे एक परिवार के चेहरे पर मुस्कान आ जाए तो निश्चित तौर पर इस नेक कार्य को करने वाले को सुकून हासिल होता है। ताजा घटनाक्रम में छठी आईआरबी बटालियन धौलाकुआं के आरक्षी अजय पाल ने भी मानवता की मिसाल पेश की है।

दरअसल, इन दिनों वो शिमला के बालूगंज थाना के अधिकार क्षेत्र में मानसिक चिकित्सालय व पुनर्वास केंद्र में तैनात हैं। यहां एक महिला ऐसी स्थिति में थी, जो घर से भटक गई थी। साथ ही मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। आरक्षी अजय पाल के मन में बार-बार यही सवाल उठ रहा था कि परिवार पर क्या गुजर रही होगी। परिवार तरह-तरह की शंकाओं में घिरा होगा। लिहाजा, आरक्षी अजय पाल ने प्रयास शुरू कर दिए।
कहते हैं, कोशिश शिद्दत से की जाए तो सफलता हासिल होना तय होता है। यही कांस्टेबल अजय पाल के साथ भी हुआ। तेलंगाना के आमीनपुर मंडल उत्कुर के जिला नारायणपेट में महिला के घर को लोकेट कर लिया गया। रविवार को लापता महिला अमृतामति को लेने परिजन हजारों किलोमीटर का सफर तय कर मानसिक चिकित्सालय पहुंचे तो चेहरे पर खुशी थी। बार-बार हिमाचल पुलिस का आभार प्रकट कर रहे थे।
यह तय है कि अगर आरक्षी द्वारा महिला के घर को तलाश करने के प्रयास न किए जाते तो वो अनजान शहर में लाचारी का जीवन व्यतीत करने को मजबूर हो जाती। छठी आईआरबी बटालियन के अधिकारियों ने आरक्षी के प्रयास की सराहना की है।