नाहन, 5 जुलाई : शहर के प्राचीन मंदिर कालीस्थान की विरासत अस्थाई तौर पर रोहतक मठ के महंत सुमर नाथ जी के सुपुर्द की गई है। इसका फैसला, सोमवार को मंदिर प्रांगण में लिया गया। 1983 से इस पद पर आसीन महंत कृष्ण नाथ जी ने 30 अप्रैल को समाधि ले ली थी। वो 1983 से इस पद पर विराजमान थे।

दिवंगत महंत कृष्ण नाथ जी को मंदिर परिसर में ही समाधि दी गई थी। मंदिर के मुखिया का फैसला रोहतक मठ (अस्थल गौहर) से पहुंचे मठाधीश महंत बालक नाथ जी की मौजूदगी में हुआ, जो कड़ी सुरक्षा के बीच नाहन पहुंचे थे। बता दें कि मठाधीश अलवर संसदीय क्षेत्र से सांसद भी हैं। मुखिया के फैसले के दौरान भाजपा व कांग्रेस भी सक्रिय रही।
स्थानीय विधायक डाॅ. राजीव बिंदल के अलावा पूर्व विधायक कंवर अजय बहादुर सिंह भी उपस्थित थे। अस्थाई कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी योगेश गुप्ता को सौंपी गई है। जबकि देवेंद्र अग्रवाल को महासचिव की बागडोर दी गई है। इसके अलावा शुभम बंसल को कोषाध्यक्ष बनाया गया है। स्वामी तीर्थानंद जी मंदिर व सरकार के बीच पहले की तरह समन्वय स्थापित करने की जिम्मेदारी का वहन करेंगे।
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1830 में निर्मित मंदिर का निर्माण कुमाऊं वाली रानी साहिबा ने करवाया था। वहीं से मूर्ति को लाया गया। मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए सबसे पहले जोगीनाथ महंत को गद्दी सौंपी गई थी। तब से इस मंदिर में महंतों की तैनाती की परंपरा अब भी जारी है।
महंतों के बारे में सिरमौर के इतिहास में उल्लेख मिलता है। मंदिर परिसर में 24 भुजा देवी मंदिर का निर्माण राजा फतेह प्रकाश ने करवाया था। स्वामी तीर्थानंद ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि स्थाई कार्यकारिणी को लेकर फैसला मठाधीश द्वारा किया जाएगा।