कुल्लू, 4 जुलाई : कुल्लू साइबर सेल और जिला पुलिस, टीम ने दो ऐसे साइबर क्रिमिनल को पकड़ा है जिन्होंने अभी तक 500 से ज्यादा लोगों को ठगी का शिकार बना दिया है । ठगी करने का तरीका इतना नायाब था कि पुलिस उन तक पहुंच ही न पाए। साइबर क्रिमिनल 2000-20000 रुपए तक की ठगी करते थे। ताकि दुकान दार रिपोर्ट न करे और रिपोर्ट हो भी जाए। पुलिस छोटा अमाउंट होने पर अभियोग दर्ज न करे।

दोनों ही बेहद शातिर और चालाक युवक है। इनमें से एक के खिलाफ पहले भी गुजरात में मामला दर्ज है, जिसमें वह वांछित चल रहा है। दोनों किसी भी दुकान में चले जाते और वहां पर शॉपिंग करते / खरीदारी करते और जब पैसे देने की बारी आती तो दुकानदार को, पेटीएम, फोन पे गूगल पे करने, का हवाला देकर नकली ट्रांजेक्शन करते।
आरोपी पिछले कुछ समय से हिमाचल को निशाना बना रहे थे। इन लोगों ने शिमला में पांच से सात ऐसी वारदातों को अंजाम दिया और अब कुल्लू, कसोल् और, मनाली में घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। जिला के जरी चौकी के अंतर्गत एक दुकान में ये दोनों अपराधी 30 जून को गए और वहां पर अपने लिए 12 हजार रूपये के कपड़े खरीदे। जब पैसे देने की बारी आई तो दुकानदार को कहा कि हम पेटीएम कर देते हैं और नकली ट्रांजैक्शन दुकानदार के सामने दिखाई और कहा कि आपके खाते में हमने 9000 रुपए भेज दिए हैं। तुरंत गाड़ी में बैठकर वो लोग वहां से मनाली के लिए रवाना हो गए।
शाम तक जब दुकानदार के खाते में पैसे नहीं आए तो उसे शक हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। दूसरे दिन भी पैसे जब नहीं आए तो तीसरे दिन उसने पुलिस चौकी ज़री में रिपोर्ट कर दी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करके साइबर सेल को सूचित किया और साइबर सेल की टीम ने दोनों आरोपियों को टेक्निकल सर्विलांस के माध्यम से मनाली से पकड़कर कुल्लू पहुंचा दिया। दोनों से पूछताछ जारी है। दोनो ने अपना गुनाह करना कबूल किया है और, 500 से ज्यादा वारदातें करना कबूल की है।
आरोपियों की पहचान मुकेश पटेल और, अंश श्रीवास्तव के रूप मर हुई है। ये दोनों अभी तक गुजरात, मुंबई, दिल्ली, नोयडा, यूपी तथा हिमाचल में कई लोगों को गूगल पे, पेटीएम, तथा फोन पे और, ओएलएक्स के माध्यम से ठगी करके निशाना बना चुके हैं। इनके खिलाफ पुलिस थाना सदर कुल्लू में अभियोग दर्ज हुआ है। आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। पूछताछ जारी है। अभी तक की पूछताछ में इन लोगों ने हिमाचल में 5-10 वारदात तथा बाहरी राज्यों में 500 से अधिक वारदात करने की बात कबूल की है।
ये अपराधी हजार के आसपास नकली मेल आईडी बना चुके हैं तथा वर्चुअल नंबर का प्रयोग करते हैं। टेक्स्ट t एप्प और बुल्क़ एसएमएस तथा लाइन टू एप्प का प्रयोग भी करते है।