हरिपुरधार/सुरेंद्र चौहान : मां भंगायणी पावन पवित्र स्थल हरिपुरधार के ऊपरी भाग पर राजाओं के समय से 8 हजार फीट की ऊंचाई पर ऐतिहासिक किला स्थित है। प्राचीन काल से ही किले के नाम से यहां एक भव्य आवास का निर्माण किया गया था, जो कि राजा सिरमौर के रियासत का अंश था। प्राचीन परंपरा के अनुसार देव भूमि के नाम से प्रसिद्ध हिमाचल को गौरव प्राप्त है। उसी समय से राजा व प्रजा की आस्था पर किले के अग्रिम भाग में छोटा सा शिव मंदिर बनाया गया था, जो उनकी आस्था का प्रतीक माना गया।

माँ भंगायणी सेवा समिति के अथक प्रयासों से अब इस भू-भाग पर पुन: एक शिव मूर्ति का अनावरण किया जा रहा है, जिसकी अनुमानित ऊंचाई लगभग 85 फीट है। बहरहाल समिति ने माना कि शिव प्रतिमा के निर्माण कार्य में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा और भारी खर्च वहन करना पड़ेगा। बावजूद इसके समिति ने ठाना है कि मशक्कत के बाद बन रही शिव प्रतिमा को भव्य रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। धार्मिक भावनाओं को देखते हुए यहां लोगों की आवाजाही बेशुमार होगी और आस्था की दृष्टि से यह पवित्र स्थल के रूप में एक अनूठी पहचान रखेगा।
मंदिर सेवा समिति के संयोजक बलवीर ठाकुर ने बताया कि विगत वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते शिव प्रतिमा के कार्य निर्माण में विलंब हुआ लेकिन इस वर्ष कार्य निर्माण में तेजी लाई गई है। उन्होंने बताया कि शिव प्रतिमा के बनने से हरिपुरधार क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से चार चांद लग जाएंगे। जहां लोगों को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, वहीं आस्था की दृष्टि से इतने सुंदर व रमणीय स्थल के दर्शन करने से पर्यटक धन्य हो जाएंगे।
समिति के पदाधिकारी अनिल ठाकुर, अनिल शर्मा, सुरेंद्र चौहान, सूरी ठाकुर, व कई अन्य लोग इस मौके मौजूद रहे और उक्त कार्य की सराहना की।