सुंदरनगर, 29 जून : हिमाचल प्रदेश में डॉक्टरों का प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन लगातार जारी है। मंडी जिला के सबसे बड़े अस्पताल श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक में मंगलवार को 2 घंटों के लिए ओपीडी थम गई। इस दौरान केवल इमरजेंसी सेवाएं ही चल पाई। सैकड़ों मरीजों का हुजूम डॉक्टरों को तलाशता रहा लेकिन वहां पर कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं रहा।

मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों द्वारा सुबह दो घंटे के लिए छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ पेन डाउन स्ट्राइक कर कार्य को ठप रखा गया। इस दौरान डॉक्टरों द्वारा मेडिकल कॉलेज के गेट पर एक गेट मीटिंग का आयोजन कर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं इससे पहले एक दिन पूर्व भी मेडिकल कॉलेज नेरचौक के डॉक्टरों द्वारा ओपीडी में 2 घंटे तक काले बिल्ले लगाकर विरोध स्वरूप कार्य किया गया था।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी डॉक्टरों द्वारा छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करवाया जा रहा है।
श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक के रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन नेरचौक के महासचिव डॉ. रोशन ठाकुर ने कहा कि पंजाब सरकार नान -प्रैक्टिसिंग अलाउंस को 25 प्रतिशत करें और इसे मूल वेतन में शामिल किया जाए। इसके अलावा कोरोना काल में डाक्टरों द्वारा दी जा रही सेवाओं के दौरान दुर्व्यवहार के मामलों में कड़ी से कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए।
उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन नेरचौक ने दो घंटे पेन डाउन स्ट्राइक की गई। उन्होंने कहा कि आरडीए नेरचौक भी कंधे से कंधा मिलाकर प्रदेश के चिकित्सकों के साथ खड़ी है।