चौपाल, 26 जून : देव भूमि हिमाचल प्रदेश में बाहरी हिमालय की सबसे ऊंची चोटी और प्रसिद्ध तीर्थ स्थल चूड़धार मंदिर की पावन यात्रा को शुरू करने के लिए मंदिर कमेटी द्वारा एसओपी जारी की गई है। जिसमें कुछ कड़ी शर्तों के साथ एक जुलाई से श्रद्धालुओ को चूड़धार मंदिर में अपने आराध्य देव भगवान शिरगुल महादेव के दर्शन की अनुमति दी गई है।
चूड़धार मंदिर कमेटी के अध्यक्ष एवं चौपाल के उपमंडलाधिकारी ने जानकारी सांझा करते हुए बताया है कि हिमाचल प्रदेश सरकार के निर्देशों व ज़िला उपायुक्त शिमला के आदेश के बाद चूड़धार मंदिर के कपाट एक जुलाई के बाद आम जनता के लिए दर्शन हेतु खोले जाएंगे। इस दौरान मंदिर प्रांगण में स्थित सरायं या धर्मशाला का उपयोग आम जनता को ठहराने हेतु प्रतिबंधित रहेगा। इसके अलावा चूड़धार में किसी भी प्रकार के जागरण, कीर्तन और लंगर इत्यादि पर भी पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा साथ ही मंदिर पुजारी द्वारा श्रद्धालुओ को पवित्र बावड़ी का जल, प्रसाद, चावल इत्यादि देने पर भी रोक लगाई गई है।
श्रद्धालुओ को मंदिर में दर्शन कराने के लिए सांय 4 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है, जिस दौरान श्रद्धालुओ को मास्क, सोशल डिस्टेंस और हाथों को सेनेटाइज करने के नियमों का पालन करना होगा साथ ही घंटी, रेलिंग और मंदिर की किसी भी वस्तु को छूना वर्जित किया गया है। चूंकि, चूड़धार मंदिर में भोजन और रात्रि विश्राम की कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं होगी इसलिए श्रद्धालुओ से सुबह जल्दी यात्रा शुरू करके शाम को वापिस अपने घर पहुंचने की अपील की गई है।
आपको बताते चले कि सिरमौर ज़िला की सबसे ऊंची चोटी चूड़धार पर सप्तम कैलाश ने नाम से विख्यात श्री शिरगुल महादेव का प्राचीन मंदिर स्थित है। जहां लाखों श्रद्धालु हर वर्ष अपने आराध्य देव के दर्शन के लिए कई किलोमीटर का पैदल सफर तय करके चूड़धार पहुंचते है। लेकिन कोरोना महामारी के चलते समुद्र तल से करीब 12 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस पावन तीर्थ स्थल की यात्रा को बीते लंबे अरसे से प्रशासन द्वारा प्रतिबंधित किया गया था।
शारदा मठ आश्रम के संचालक एवं चूड़धार मंदिर के मुख्य पुजारी व ब्रह्मचारी स्वामी कमलानंद महाराज और स्वामी वीरेंद्रानंद जी महाराज ने बताया कि प्रशासन के आदेश अनुसार चूड़धार में सभी श्रद्धालुओ के लिए रात्रि विश्राम और भोजन व्यवस्था पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने सभी शिरगुल भक्तों से प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है।