शिमला, 25 जून : हिमाचल प्रदेश में कुल्लू घटनाक्रम (Kullu episode) को लेकर सोशल मीडिया (Social Media) में अलग-अलग राय जाहिर की जा रही है। हालांकि जांच (Investigation) को लेकर आधिकारिक (Official) तौर पर कुछ भी सामने नहीं आया है। मगर मीडिया(Media) के एक सेक्शन (Section) में जांच के दौरान बयान (Statement) कलमबद्ध (Recorded) होने की जानकारी सामने आ रही है।

पब्लिक(Public) यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर ऐसी क्या नौबत आई थी कि एसपी (SP) के पद पर रहते हुए आईपीएस गौरव सिंह (IPS Gaurav Singh) ने सीएम सुरक्षा (CM Security) के प्रभारी ASP बृजेश सूद को थप्पड़ जड़ दिया।
शुक्रवार को सूबे एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र एक खबर की माने तो सेंट्रल रेंज(Central Range) के डीआईजी (DIG) मधुसूदन ने इस प्रकरण को लेकर आईपीएस गौरव सिंह, सीएम सिक्योरिटी के निवर्तमान प्रभारी बृजेश सूद व पीएसओ बलवंत सिंह बयान कलमबद्ध किए है। खास बात यह है कि इस आईपीएस गौरव सिंह ने अपने बयान में कहा है कि एएसपी बृजेश सूद द्वारा लगातार अपशब्दों (Abusive words) का इस्तेमाल किया जा रहा था। उन्होंने सीएम के काफिले( Convoy) में तीन गाड़ियों (Vehicles) को प्रोटोकॉल (Protocol) का उल्लंघन (Violation) कर शामिल कर लिया इसके बाद भी वो (सीएम सिक्योरिटी इंचार्ज) अपशब्दों का इस्तेमाल करते रहे। इसी कारण हाथ उठ गया।
हालांकि बृजेश सूद ने भी अपने बयान में बचाव (Defend) किया है। उनकी माने तो उनकी जिम्मेदारी (Responsibility) मुख्यमंत्री की सुरक्षा (Security) है। ऐसे में उनके वाहन (Vehicle) को मुख्यमंत्री (Chief Minister) के काफिले से अलग कैसे किया जा सकता था। वही निलंबित पीएसओ ने कहा कि वह वरिष्ठ अधिकारी (Senior Officer) को थप्पड़ मारने से नाराज थे, इसी दौरान बचाव के दौरान पांव शायद एसपी को लग गया था।
उधर एक अन्य जानकारी के मुताबिक केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के कुल्लू दौरे के दौरान जब एयरपोर्ट (Airport) पर लैंडिंग हो रही थी, तो वह काफी धूल मिट्टी उड़ी। इसी बात को लेकर भी सुरक्षा कर्मियों व एसपी के बीच बहस बाजी हुई। सवाल इस बात पर भी उठा की धूल मिट्टी की जिम्मेदारी पुलिस की नहीं बल्कि सामान्य प्रशासन(administration)की है।
ऐसी भी आशंका जाहिर की जा रही है कि एयरपोर्ट के बाहर फोरलेन (Fore lane) संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल की मौजूदगी भी सरकार को रास नहीं आ रही थी। हालांकि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने खुद अपने वाहन से नीचे उतर कर लोगों से बात की।
उधर एक अन्य वीडियो में यह भी दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री भी नाराज थे। सोशल मीडिया (social media) पर पोस्ट किये गए वीडियो के कैप्शन (Caption) में कहा जा रहा है कि सीएम जयराम ठाकुर भी गुस्से में थे। सोशल मीडिया में ये भी तर्क दिया जा रहा है कि अगर एसपी ने गलती की थी, तो सुरक्षाकर्मी इसकी शिकायत भी कर सकते थे, लेकिन शिकायत की बजाय आईपीएस (IPS)पर लगातार लातें चलाई गई। आपको बता दें कि यह समूचा घटनाक्रम मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) के सामने ही पेश आया। इस समूचे घटनाक्रम में एक अहम बात यह है कि जब जांच पूरी नहीं हुई है तो सस्पेंशन की कार्रवाई करने में क्यों हड़बड़ाहट दिखाई गई।
“प्रोटोकॉल तोड़ने के बाद भी वो बहस करते रहे। अपशब्दों का इस्तेमाल लगातार होता रहा। यही कारण था, उनका हाथ उठ गया” : निवर्तमान,एसपी कुल्लू