जोगिंदर नगर/लक्की शर्मा : एक तरफ कोरोना महामारी के प्रकोप से पहले ही लोग सहमे हुए हैं, वही दूसरी तरफ संकट की घड़ी में कई बच्चे अनाथ हो चुके हैं।
वीरवार को एक ऐसा नजारा सामने आया, जिसे महसूस कर आपकी आंखे नम हो जाएगी। हिमाचल के मंडी जिला के विकास खंड चौंतड़ा के बजराला गांव में दो बेटियों ने अपने पिता को बिलखते हुए मुखाग्नि दी।
दिल को पसीज देने वाले मंजर को देखकर हर कोई बच्चियों को स्नेह की नजर से देख रहा था। बच्चियों की मां का पहले ही देहांत चुका है। अब पिता का साया भी सर से उठ गया। परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है, लड़कियों को संभालने की जिम्मेदारी 70 साल के दादा के कंधो पर आ गई है। रवि कुमार पिछले 5 महीनों से बीमार चल रहे थे और वीरवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
15 व 17 साल की बहनो को नहीं पता कि पता कि वो पहाड़ सी जिंदगी का सामना कैसे करेंगी। बूढे दादा गोविंद राम को परिवार के जीवनयापन व बच्चियों की पढ़ाई- लिखाई की चिंता सता रही है। बूढ़े गोविंद राम को सरकार से उम्मीद है कि दुख की इस घड़ी में सहायता करेगी।
उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार परिवार की मदद में आगे आएगी। साथ ही समाज भी नाबलिग बच्चियों की सुरक्षा में अपना कर्तव्य निभाएगा।