हमीरपुर, 24 जून : हमीरपुर ने एक बार फिर पूरे प्रदेश में डंका बजाया है। जिला के ही तीन आईएएस अधिकारी (IAS Officer) सिरमौर, कुल्लू और लाहौल स्पीति में डीसी तैनात हुए हैं। जिससे एक बार फिर से प्रदेश के सबसे साक्षर जिला ने अपना परचम लहराया है। प्रदेश में बड़े प्रशासनिक (administrative) फेरबदल के चलते जिले के 3 आईएएस अधिकारी डीसी लगे हैं।

- IAS रामकुमार गौतम, डीसी सिरमौर
इनमें सबसे पहला नाम है सुजानपुर विस क्षेत्र के टौणी देवी के ढांगू गांव के 2014 बैच के आईएएस रामकुमार गौतम। जिन्हे जिला सिरमौर के डीसी (DC) की कमान सौंपी गई है।इससे पहले वह फूड एंड सिविल सप्लाई (Food and Civil Supplies) के डायरेक्टर के पद पर थे। सुजानपुर विस क्षेत्र के टौणीदेवी के ढांगू गांव में बेहद साधारण परिवार में जन्मे सिरमौर जिला के डीसी आईएएस राम कुमार गौतम के पिता शालिग्राम तहसीलदार (Tehsildar) पद से सेवानिवृत्त हुए हैं तथा माता सावित्री देवी गृहिणी हैं। वहीं राम कुमार गौतम की 3 बहनें है और वे इकलौते बेटे अपने परिवार में हैं।
राम कुमार गौतम ने सरकारी स्कूल बारी में 8वीं तक की पढ़ाई की है तथा 10वीं तक की पढ़ाई सरकारी स्कूल टौणीदेवी में ही की है। जब वह बचपन के समय स्कूल जाते थे तो टौणीदेवी तक 3 किलोमीटर दूर पैदल ही पढ़ने जाते थे। यहीं से उन्होंने ठान लिया था कि वह प्रशासनिक सेवाओं (Administrative services) में जाकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए काम करेंगे। ऐसा उनके दोस्तों व उनकी पंचायत के पूर्व प्रधान सतपाल शर्मा ने बताया है।
वहीं राम कुमार गौतम के घर पर उनकी दोनों बहनें वीना देवी व नीलम कुमारी अपने माता-पिता को बधाई देने पहुंचीं हुई थीं और वे अपने भाई की कामयाबी से बेहद खुश थीं। साथ ही राम कुमार गौतम के माता-पिता भी बेटे की कामयाबी से फूले नहीं समा रहे हैं।
- IAS आसुतोष गर्ग, डीसी कुल्लू
वहीं हमीरपुर विस क्षेत्र के झगडिय़ानी (धनेड) गांव के 2014 बैच के आईएएस आसुतोष गर्ग जिला कुल्लू के डीसी लगे हैं। इससे पहले वह सचिव पब्लिक सर्विस कमीशन (public service commission) के पद पर तैनात थे। जिला के गांव सलासी में लेखराम गर्ग व सुनीता शर्मा के पुत्र आशुतोष गर्ग का जन्म 12 मई, 1990 को हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा (Primary education) सरकारी स्कूल से प्राप्त करने के बाद हिम एकेडमी से आगे की पढ़ाई की। गर्ग ने बिट्स पिलानी से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग (Electronics Engineering) की है तथा वह वर्ष 2014 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। गर्ग को नौकरी में पहली पोस्टिंग नालागढ़ में बतौर एसडीएम मिली थी।
नालागढ़ में आज भी सराहा जाता है काम
यह बात 2018 की है जब आईएएस आशुतोष गर्ग अपनी पहली पोस्टिंग (posting) में नालागढ़ में बतौर एसडीएम तैनात हुए थे। उस समय नालागढ़ क्षेत्र से मेडिकल व इंजीनियरिंग कोर्सों (medical and engineering courses) में बहुत कम बच्चे चयनित हो रहे थे। यह बात आईएएस अधिकारी आशुतोष गर्ग को अच्छी नहीं लगी और उन्होंने उसी समय यह प्रण लिया कि यहां पर एक कोचिंग सेंटर (coaching center) खोला जाएगा ताकि इस क्षेत्र के बच्चे भी मेडिकल व इंजीनियरिंग कोर्सों में चयनित हों।
चंद महीनों में ही उक्त अधिकारी की यह सोच सिरे चढ़ गई और उन्होंने जन सहयोग से नालागढ़ में ओल्ड ब्वायज स्कूल के ऐतिहासिक भवन का जीर्णोद्धार करवाकर वहां पर करीब 30 लाख रुपए की लागत से गुरुकुलम स्थापित कर दिया, जिसमें कोचिंग सेंटर, लाइब्रेरी व कम्प्यूटर सेंटर (Library and Computer Center) खोला गया। आज भी कोचिंग सेंटर में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी मेडिकल व इंजीनियरिंग कोर्सों की प्रवेश परीक्षा के लिए कोचिंग ले रहे हैं।
- IAS नीरज कुमार, डीसी लाहौल-स्पीति
इसके अलावा भोरंज विस क्षेत्र के कढोहता पंचायत के 2013 बैच के आईएएस नीरज कुमार लाहौल-स्पीति के डीसी लगे हैं। इससे पहले वह लेबर कमिश्नर कम डायरेक्टर ऑफ इम्प्लॉइमेन्ट (Labor Commissioner cum Director of Employment) रह चुके हैं। अपने क्षेत्र में बेहतरीन सेवाएं देने के बाद अब वह जनजातीय जिला में डीसी बनकर अपनी नई पारी शुरू करेंगे।
आईएएस नीरज कुमार के पिता रेलवे से सेवानिवृत्त है, जबकि माता प्रोफेसर है। इनकी एक वहन विदेश (foreign) में सेटल है वहीं इनकी शिक्षा भी बाहर से हुई है। लेकिन बावजूद इसके उन्हें अपने गांव से खासा लगाव था और वह यही चाहते थे की वह ग्रामीणों की सेवा कर सके। यह सपना उनका डीसी बनकर पूरा हुआ है।
बता दें कि अब आईएस नीरज कुमार हिमाचल के ऐसे जिला में अपनी सेवाएं देंगे जहां पर उन्हे ऐसे भौगोलिक परिस्थितियों (geographical conditions) में रहना पड़ेगा जहां पर रहना थोड़ा मुश्किल माना जाता है। उनकी इस कामयाबी से पुरे जिला में ख़ुशी की लहर है।
तीनों आईएएस अधिकारियों की कामयाबी से उनके गांवों व जिला हमीरपुर में खुशी की लहर दौड़ गई है और जिला वासियों का सीना गर्व से फूल गया है।