शिमला/नाहन, 24 जून : कोविड संकट में स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव के पद पर बेहतरीन कार्य करने वाले आईएएस अधिकारी (IAS Officer) निपुण जिंदल को सरकार ने सूबे के सबसे बडे़ जिला कांगडा में बतौर उपायुक्त (Deputy Commissioner) के पद पर जिम्मेदारी सौंपी है। 28 साल की उम्र में आईएएस बनने वाले निपुण जिंदल की कांगड़ा में बतौर डीसी नियुक्ति से सिरमौर का भी गौरव बढ़ा है।

पांवटा साहिब के गुरु नानक मिशन पब्लिक स्कूल से जमा दो की पढ़ाई करने के बाद निपुण जिंदल ने पीजीआई (PGI) रोहतक से एमबीबीएस (MBBS)की शिक्षा हासिल की। इसके बाद हड्डी रोग विशेषज्ञ बनने के लिए जयपुर से एमडी की पढ़ाई की है। आईएएस निपुण जिंदल का बचपन पांवटा साहिब में ही गुजरा है। माता विमला जिंदल व पिता वेद प्रकाश जिंदल पांवटा साहिब में ही सैटल हैं। इसके अलावा बहन की शादी भी इसी कस्बे में हुई है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से फोन पर बातचीत में कांगड़ा के नवनियुक्त उपायुक्त निपुण जिंदल का कहना था कि बतौर डीसी पहली पोस्टिंग है। साथ ही कहा कि वो मेडिकल (Medical)के क्षेत्र में ही जाना चाहते थे, मगर अचानक ही मन में विचार कौंधा कि मेडिकल की शिक्षा का उपयोग प्रशासन के माध्यम से आम जनमानस के लिए बेहतरीन तरीके से किया जा सकता है। यही कारण रहा कि कोविड (covid) संकट में स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के विशेष सचिव की कमान बेहतरीन ढंग से संभाली। 8 व 4 चार की दो बेटियों के पिता आईएएस की पत्नी डाॅक्टर है।
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव के साथ-साथ डाॅ. जिंदल को सरकार (Govr.) ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (pollution control board) में भी सदस्य सचिव का अतिरिक्त पदभार दे रखा था।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में आईएएस निपुण जिंदल ने कहा कि वो अपना बेहतरीन करने का प्रयास करेंगे। खास बात ये भी है कि वो इस पद को हिमाचल (Himachal) के बेहतरीन आईएएस अधिकारी राकेश प्रजापति के स्थान पर ग्रहण कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा पास करने से पहले वो दो साल रेजिडेंट डाॅक्टर भी रहे हैं। फुटबाॅल खेलने के शौकीन कांगड़ा के डीसी निपुण जिंदल ने अपने कैरियर के शुरूआती दौर में ही अपनी मेडिकल की पढ़ाई का कोविड संकट में बखूबी इस्तेमाल किया।