नाहन, 21 जून : ट्रांसगिरि की भजौण पंचायत के बाग हाबरा गांव से जुड़ी एक योजना का अनोखा मामला सामने आया है। पेयजल योजना को लेकर दो बातें अहम हैं। दरअसल, योजना के अधूरे होने को लेकर सीएम हेल्पलाइन नंबर 1100 पर भी शिकायत दर्ज करवाई गई थी, मगर शिकायत ये कहते हुए निपटा दी गई कि रिकाॅर्ड में स्कीम पूरी है। साथ ही क्रियान्वित भी है। इसको लेकर ग्रामीणों में अधिक रोष पनप गया है।
ग्रामीणों की मानें तो धरातल की सच्चाई ये है कि योजना 14 साल से पूरी नहीं हुई है। यानि इस अवधि में तो भगवान राम का वनवास भी पूरा हो गया था। लेकिन रिमोट इलाकों में इस तरह का रवैया पेश आ रहा है। स्थानीय विधायक द्वारा भी मौके का कई बार निरीक्षण किया गया, लेकिन झूठे ही आश्वासन मिले।
स्थानीय निवासी पंकज शर्मा का कहना है कि जब भी कोई शिकायत की जाती है तो एक-दो दिन के लिए कार्य शुरू कर दिया जाता है। इस बाबत अधीक्षण अभियंता से भी कई बार प्रतिनिधिमंडल मिल चुका है। ग्रामीणों ने इस स्कीम को लेकर सरकारी विभाग के साथ-साथ सरकार से किए गए पत्राचार की ई-मेल व शिकायत इत्यादि को भी एमबीएम न्यूज नेटवर्क से शेयर किया है।
ग्रामीणों की मानी जाए तो योजना की शुरूआत 2006 में हुई थी। पांवटा विकास खंड के अंतर्गत आने वाले इस गांव को योजना के अंतर्गत पेयजल मुहैया होना था। ग्रामीणों ने सीधे तौर पर चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि ग्रामीणों ने काफी संख्या में अधूरी योजना की तस्वीरें भी एमबीएम न्यूज नेटवर्क के साथ शेयर की हैं। जिन पर अगर विश्वास किया जाए तो सरेआम विभाग की पोल खुल रही है।
सरकार को स्कीम को पूरा होने का तर्क दिया जा रहा है, जबकि स्थिति भिन्न है। उधर, इस मामले को लेकर फिलहाल विभाग का पक्ष उपलब्ध नहीं हुआ है। लिखित पक्ष मिलने की स्थिति में प्रकाशित किया जाएगा।