नाहन, 19 जून : बहुचर्चित कोटखाई की गुड़िया से जघन्य अपराध में उम्रकैद (Life prison) की सजायाफ्ता अनिल कुमार उर्फ नीलू को सिरमौर (Sirmour))की अदालत ने भी उम्रकैद की सजा सुनाई हुई है। आईपीसी (IPC) की धारा-307 के तहत ये फैसला 2 जनवरी 2021 को ही आ गया था।
6 सितंबर 2015 को सराहां थाना के तहत दसाना गांव में एक नेपाली महिला की अंगुली (Finger) काट दी थी। साथ ही उससे अश्लील हरकतें भी की थी। सिरमौर के अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायधीश (Additional District and Sessions Judge) की अदालत ने नीलू को उम्रकैद की सजा 307 के तहत सुनाई थी। साथ ही 20 हजार का जुर्माना (Fine)भी किया गया था।
इसके अलावा आईपीसी की धारा 354 के तहत उसे दो साल के कठोर कारावास (Imprisonment) के भी आदेश जारी हुए। बता दें कि इसी मामले के आधार पर सीबीआई ने सिरमौर से ही नीलू के डीएनए सैंपल (DNA sample) लिए थे। इसी की सैंपलिंग मैच होने का तर्क गुडिया मामले में सीबीआई ने दिया था। 7 सितंबर 2015 को सराहां पुलिस ने महिला के कटे अंगों को भी बरामद किया था।
17 सितंबर 2015 को पीड़ित के ठीक होने के बाद बयान (Statement)कलमबद्ध किए गए थे। इस मामले में भी पुलिस ने डीएनए नमूनों की जांच करवाई थी। 18 दिसंबर 2015 तक अनिल न्यायिक हिरासत में भी रहा था। वो बैजनाथ की पेनिंग पंचायत का रहने वाला है। ये भी तफ्तीश में साफ हुआ था कि नीलू के आगे-पीछे कोई नहीं है। सिरमौर में सुनवाई के दौरान भी अदालत (Court) को इस बात से अवगत करवाया गया था कि आरोपी गुडिया मामले में भी आईपीसी की धारा 302 व 376 के ट्रायल का सामना कर रहा है।
बता दें कि शुक्रवार को गुड़िया मामले में आए फैसले पर परिवार ने असंतोष जाहिर किया है। सोशल मीडिया (social media) में भी परिवार के प्रति सहानुभूति जताई जा रही है।