नाहन, 18 जून : चीन की सीमा पर बसे हिमाचल के 48 गांव पूरी तरह से सुरक्षित हैं। ये टिप्पणी करते हुए हिमाचल पुलिस के महानिदेशक (Director General of Police) संजय कुंडू ने कहा कि गलवान घाटी में मुठभेड़ (Encounter) के बाद सूबे के राज्यपाल (Governor) सीमा पर रह रहे लोगों के लिए चिंतित हो गए थे। चूंकि अंतरराष्ट्रीय सीमा (International Border) पर हिमाचल पुलिस की भूमिका (Roll) काफी सूक्ष्म होती है, लिहाजा उनके मन में एक विचार कौंधा। इसको लेकर 10 यंग आईपीएस अधिकारियों को कुछ दिनों के लिए गांवों में ही रहने के लिए भेजा गया। इसमें दो महिला आईपीएस (IPS) अधिकारी भी थी।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि यंग आईपीएस अधिकारियों से एक बेहतरीन फीडबैक (Feed back) मिला। इसे देश के विदेश व गृह मंत्रालय (Home Ministry) से भी शेयर किया गया। इसके बाद उचित कदम उठा लिए गए। उन्होंने कहा कि इस बारे वो ज्यादा कुछ नहीं बोल सकते। सिरमौर प्रवास पर पहुंचे पुलिस महानिदेशक (DGP) शुक्रवार शाम मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत (Press Conference) कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस नशाखोरी में संलिप्त लोगों की वित्तीय जांच को भी प्राथमिकता दे रही है। 19 मामलों में करीब 11 करोड़ की संपत्ति को सीज किया गया है।
पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि मानव भारती विश्वविद्यालय (MBU) की 194 करोड़ की संपत्ति को अटैच किया गया है। ऐसी कार्रवाई देश में अपनी तरह की पहली हो सकती है।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि प्रदेश की सुरक्षा के मद्देनजर समूचे राज्य में करीब 70 हजार सीसी कैमरे लगवाने का प्रयास कर रहे हैं। ये आंकड़ा 19 हजार तक पहुंचा है। उदाहरण देते हुए डीजीपी ने कहा कि बद्दी में एक सिर कटी लाश मिलने का मामला सीसी कैमरों (CC Cameras) की वजह से क्रैक हो गया था। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि वो चाहते हैं कि हरेक पुलिस स्टेशन में एक ड्रोन कैमरा हो। इसके बारे में भी एक उदाहरण देते हुए डीजीपी ने कहा कि कुल्लू में चरस की खेती को लेकर ड्रोन (Drone) से नजर रखी जा सकती है।
डीजीपी का कहना था कि हालांकि उन्होंने अपना कार्यकाल कोविड संकट के दौरान संभाला था। दिन-रात जनहित में हरेक मोर्चे पर कोशिश जारी रखी गई। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि पुलिस मुख्यालय में आधुनिक तकनीक (modern technology) का इस्तेमाल करने के लिए तुरंत ही योजना को लागू किया गया। इससे राज्य के पुुलिस अधिकारियों से संवाद बनाने में आसानी भी हुई। उनका कहना था कि कार्यभार संभालने के दौरान पांच प्राथमिकताओं (priorities) को तय किया था। उनका कहना था कि जिस जगहों पर महिलाओं व बच्चों पर अत्याचार होता है, वो प्रदेश तरक्की नहीं कर सकता। इस प्रयास में कई सकारात्मक नतीजे (positive results) सामने आए हैं।
दुर्घटनाओं में कमी लाना भी प्राथमिकता में रहा है, वहीं नशाखोरी के खिलाफ प्रदेश पुलिस ने आक्रामक रुख (aggressive approach) अपनाया हुआ है। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इस समय तमाम आरक्षित वाहिनियों (Reserve Battalions) का इस्तेमाल फील्ड डयूटी (Field Duty) के लिए किया जा रहा है। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि प्रदेश में हर साल 50 हजार लोग पासपोर्ट (Passport) के लिए अप्लाई करते हैं। इसके लिए पूर्व में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब 24 घंटे में ही पुलिस वैरीफिकेशन (Police Verification) हो जाती है।
गुडिया मामले में सीबीआई (CBI) की अदालत द्वारा दोषी को सुनाई गई सजा के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ने कहा कि फिलहाल इसकी विस्तृत जानकारी नहीं है, क्योंकि वो टूर पर निकले हुए हैं। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि उनके कार्यकाल संभालने से पहले 25 प्रतिशत लंबित मामले थे, लेकिन अब यह आंकड़ा घटकर 17 प्रतिशत रह गया है।
सिरमौर में दो फार्मा कंपनियों (Pharma Companies) में नशीली दवाओं के सीजर के बारे में पूछे गए सवाल पर डीजीपी ने कहा कि स्थानीय पुलिस ने अपने स्तर पर संतोषजनक कार्रवाई की है। पुलिस महानिदेशक ने सिरमौर के उपायुक्त आरके परुथी से आग्रह किया कि जिला को सीसी कैमरों से लैस करने के लिए एक खाका (blueprint) तैयार करें।
इससे पूर्व डीजीपी ने सराहां थाने का भी निरीक्षण (inspection) किया। पत्रकारों से बातचीत में डीजीपी ने कहा कि कानून व्यवस्था (Law and order) में हिमाचल अव्वल है। इस मौके पर कमाहा गांव में चोरी की वारदात को क्रैक करने पर डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों को सम्मानित भी किया।
ये दिया पुलिस कर्मियों को संदेश…
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि वो मानते हैं कि इस समय कर्मियों को वीकली ऑफ (Weekly Off) नहीं मिल रहे हैं, मगर यह दौर लंबा नहीं चलने वाला। डीजीपी संजय कुंडू का कहना था कि तनाव से मुक्त होने का सबसे बढ़िया तरीका परिवार के साथ समय गुजारने का है। उन्होंने कहा कि दो बैंकों के माध्यम से एक योजना को लागू किया गया है, इसमें अगर पुलिसकर्मी की ड्यूटी के दौरान असामान्य मौत (uncertain Death on Duty) होती है तो बगैर प्रीमियम के ही परिवार को 30 लाख रुपए मिलते हैं, जबकि सामान्य मौत पर ये राशि 2 लाख है। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि करीब एक साल के कार्यकाल में उन्होंने अपना बेहतरीन करने का प्रयास किया है।
हिमाचल पुलिस बैंड….
डीजीपी ने कहा कि हिमाचल पुलिस ने एक शानदार आर्केस्ट्रा तैयार किया है। खुशी इस बात की है कि यूनिफॉर्म में तैयार किए गए कोविड मंत्र को फ्रंट लाइन पर काम कर रहे कर्मियों ने खूब सराहा। डीजीपी ने 50 लाख के उपकरण उपलब्ध करवाने पर सरकार का भी आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रतिभा की कमी नहीं है, केवल इसे तलाशा जाना चाहिए।