नाहन, 18 जून : शहर के ऐतिहासिक रानीताल तालाब में बेशुमार मछलियों के मरने की सूचना है। तालाब में मरी मछलियां काफी वजनी थी। नगर परिषद प्रशासन को मात्र 25 मछलियों के मरने की सूचना दी गई है, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक तालाब के अलग-अलग हिस्सों में काफी संख्या में मरी हुई मछलियां तैरती नजर आ रही थी। उल्लेखनीय है कि 15 जून से 15 अगस्त तक मछलियों के प्रजनन का समय भी होता है। इस दौरान समूचे प्रदेश के नदी-नालों व तालाबों इत्यादि में मछलियों के पकड़ने पर भी प्रतिबंध रहता है।
फिलहाल नगर परिषद ने मछलियों की मौत की वजह जानने को लेकर मत्स्य विभाग से संपर्क साधा है, लेकिन जुड़े जानकारों का कहना है कि तालाब में ऑक्सीजन की कमी या फिर दूषित पानी भी वजह हो सकती है। अहम बात यह है कि नगर परिषद अब तक भी तालाब की स्वच्छता को लेकर कोई ठोस योजना तैयार नहीं कर पाई है। हालांकि तालाब की गंदगी की सफाई का अभियान शुरू किया गया था, लेकिन कोविड के कारण सिरे तक नहीं पहुंच पाया।
1889 में स्थापित रानीताल गार्डन की एक खास पहचान रही है। इस बात की भी पड़ताल की जानी चाहिए कि आसपास अंधाधुंध घरों के निर्माण की वजह से सीवरेज सीधे तालाब में तो नहीं पहुंच रही है। प्राचीन शिव मंदिर के बर्तनों की धुलाई का पानी भी इसी तालाब में जाता है। बड़ा सवाल ये है कि गार्डन में शरारती तत्वों की हरकतों पर नजर रखने के लिए सीसी कैमरे का नेटवर्क क्यों तैयार नहीं किया जाता।
उधर, नगर परिषद के एसडीओ परवेज इकबाल ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि उन्हें 25 मछलियों के मरने की सूचना मिली है। इसको लेकर मत्स्य विभाग से संपर्क साधा गया है ताकि कारणों का पता चल सके।