सोलन, 17 जून : राज्य में कोविड को लेकर अजब-गजब व्यवस्था है। कालका-शिमला हाईवे पर परवाणु बैरियर से प्रवेश करने वालों से पहले टोल टैक्स की वसूली की जाती है। इसके बाद ई-पास मांगा जाता है। ई-पास न होने पर पर्यटकों को वापसी का रास्ता दिखा दिया जाता है, मगर टोल टैक्स को रिफंड करने की कोई जहमत नहीं उठाता।
सवाल इस बात पर उठता है कि परवाणु टोल बैरियर से पहले अस्थाई व्यवस्था के माध्यम से पर्यटकों को इस बारे क्यों जागरूक नहीं किया जाता। टोल ठेकेदार की लाॅटरी खुल रही है। चंद रोज पहले भी वाहनों की लंबी कतारें शिमला की तरफ बढ़ती नजर आई थी। परवाणु बैरियर पर पर्यटकों ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वो टोल चुकाने के बाद हिमाचल में दाखिल हुए हैं, लेकिन पुलिस चैकिंग के दौरान उन्हें वापस भेज दिया गया।
उधर, सोलन के उपायुक्त केसी चमन का कहना था कि अस्थाई चौकी के माध्यम से पर्यटकों को जागरूक करने के आदेश पहले से ही हैं। डीसी ने कहा कि वो पहले इस बारे जांच करेंगे कि अस्थाई चैकी बखूबी कार्य कर रही है या नहीं।
बहरहाल, सवाल ये भी उठता है कि अगर अस्थाई पुलिस चौकी क्रियान्वित है तो पर्यटकों को इस तरह की समस्या से क्यों दो-चार होना पड़ रहा है। इस बात से कतई भी इंकार नहीं किया जा सकता कि हिमाचल एक टूरिस्ट स्टेट है। बेशक ही इस समय कोविड के कारण बंदिशें हैं, लेकिन आने वाले वक्त में पर्यटकों से ही राज्य की आर्थिकी को मजबूती मिलनी है।