शिमला, 14 जून : पत्र बम मामले में शिमला के साइबर पुलिस थाने में मामला दर्ज हुआ है। आईटी एक्ट में एफआईआर में किसी को नामजद नहीं किया गया है। साइबर पुलिस गुमनाम पत्र लिखने वाले और इसे सोशल मीडिया में वायरल करने वाले शख्स का पता लगाएगी।गुमनाम पत्र में प्रदेश सरकार के एक कैबिनेट मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
दरअसल पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर वायरल गुमनाम पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है। पत्र में मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप के अलावा उनके चरित्र पर भी अंगुली उठाई गई है। बताया जाता है कि गुमनाम पत्र भाजपा केंद्रीय नेतृत्व को भेजा गया है और इसे सोशल मीडिया पर भी वायरल किया गया। अचानक से गुमनाम पत्र के वायरल होने से राज्य में सियासी तूफान मच गया था।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में इसे विकृत मानसिकता वाले लोगों की साजिश करार देते हुए इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के संकेत दिए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस तरह के आरोपों और फर्जी तरह के वायरल बताए जा रहे पत्र का कोई आधार नहीं होता। पत्र केवल किसी की छवि और चरित्र खराब करने की मंशा से ही वायरल किये जाते है। उन्होंने यह भी कहा था कि फर्जी पत्र जारी करने वालाें काे खाेज निकालेंगे और इसके पीछे की साजिश को बेनकाब किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के मुताबिक ऐसी चिठियां लिखने वाले का मकसद केवल नुकसान पहुंचाना होता है। उन्होंने कहा कि अगर शिकायतकर्ता के पास किसी के खिलाफ सबूत हो तो वह सामने आकर दम दिखाए।