बिलासपुर, 14 जून : जिला प्रशासन व एम्स निर्माण कर रही कंपनी द्वारा प्रभावित लोगों की समस्याओं का निवारण न करने से गुस्साए ग्रामीणों ने आज एम्स के तीनों गेट बंद कर दिए तथा एम्स के बाहर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। लोगों ने करीब 4 घंटे धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान एम्स में जाने वाली सभी गाडिय़ों को तीनों गेटों पर रोक दिया। जिस कारण एम्स में काम करने वाले लोगों को पैदल ही अंदर जाना पड़ा। स्थानीय लोग सुबह 8 बजे एम्स के पास एकत्रित हो गए। एम्स के तीनों गेटों को बंद कर धरना शुरू कर दिया।
धरने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने भारी संख्या में मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिए ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। ग्राम पंचायत राजपुरा के उपप्रधान सतदेव शर्मा, बाबू राम, वार्ड मेंबर अनीता, लीला देवी, आशा देवी, कोठीुपरा पंचायत उपप्रधान जगदीश, कोठीपुरा पंचायत प्रधान ङ्क्षपकी देवी, कोठीपुरा के पूर्व प्रधान नंदलाल, राजपुरा पंचायत प्रधान हेमा देवी, बीडीसी रेखा देवी आदि ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर ही एम्स के नीचे के गांवों के लोगों की जमीनें मलबे से खराब हो गईं।
निर्माण कर रही कंपनी व जिला प्रशासन उनकी कोई सुध नहीं ले रहा। लोगों की बार-बार मांगों को दर किनार किया जा रहा है। राजपुरा, नोआ व परोही के लोगों को पिछले 2 वर्षों से पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। कंपनी ने पेयजल पाईपों को भी उखाड़ दिया।
आज तक जल शक्ति विभाग पानी की वैकल्पिक व्यवस्था तक नहीं कर पाया। ग्रामीणों ने भूस्खलन को रोकने के लिए क्रेट वॉल लगाने, पानी की समस्या को हल करने, स्थानीय लोगों को रोजगार देने, खराब सडक़ों व रास्तों को ठीक करने, निर्माण कार्य में जुटे मजदूरों के लिए टॉयलेट का निर्माण करने, नालों पर पुलियां बनाने, एम्स की बाऊंड्री वॉल के साथ लगती जमीनों की निशानदेही करवाने की मांग की है। निर्माण कार्य में लगे मजदूर खुले में शौच जा रहे हैं, जिससे क्षेत्र में गंदगी फैल रही है।
वहीं, लोगों के धरने की सूचना मिलते ही क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं भाजपा के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा भी मौके पर पहुंच गए। रणधीर शर्मा ने कहा कि इस बारे में पहले भी उन्होंने जिला प्रशासन से बात की थी। उन्होंने कहा कि मलबे के कारण लोगों की जमीने और रास्ते खराब हो गए हैं।
लोगों की मांगों को उचित ठहराया व कहा कि इस बारे में जिला प्रशासन की मध्यस्थता में कंपनी से बातचीत कर इस समस्या का समाधान करवाया जाएगा। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि आज तो यह सांकेतिक धरना था। यदि 14 दिन के अंदर उनकी मांगों को पूरा न किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा और यदि इस दौरान कानून व्यवस्था बिगड़ी तो इसकी जिम्मेवारी जिला प्रशासन व सरकार की होगी।