हमीरपुर, 12 जून : महंगाई को लेकर पूर्व मनमोहन सरकार में रोते-बिलखते रहे भाजपा के नेता व अंधभक्त अब सत्ता में आने पर जनता को रूला रहे हैं, जबकि पूर्व यूपीए सरकार ने विपरीत परिस्थितियों में भी आम-आदमी पर महंगाई का कोई असर नहीं होने दिया था। कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बावजूद पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर बेतहाशा वृद्धि करने पर यह प्रतिक्रिया प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने दी है।
उन्होंने हैरानी जताई कि दुनिया के अन्य देशों ने टैक्स न लगाकर पैट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी कर अपनी जनता को राहत दी है, जोकि राष्ट्र धर्म व अपने नागरिकों के प्रति उनकी जवाबदेही दर्शाता है, लेकिन मोदी सरकार अपने चुनिंदा 2-3 उद्योगपतियों से राजधर्म व वफादारी निभा रही है।
उन्होंने कहा कि पैट्रोल-डीजल सहित सरसों के तेल, रसोई गैस व अन्य खाद्य सामग्रियों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है, जबकि कोरोना काल में जनता को राहत मिलनी चाहिए थी, लेकिन भाजपा के नेता व अंधभक्त पहले ही परेशान जनता को खाना-पीना बंद करने व वाहनों का इस्तेमाल न करने की सलाह देकर बेतुकी बातें कर रहे हैं, जोकि तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या जनता अन्न-जल त्याग कर व घरों में कैद होकर आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाए।
उन्होंने पूछा कि कोरोना महामारी से हो रही मौतों पर पहले ही सरकार पर सवाल उठते आए हैं और क्या अब महंगाई पर नियंत्रण न कर व बेरोजगारी बढ़ाकर जनसंख्या कंट्रोल करने का कोई तरीका तलाश रही है। उन्होंने कहा कि मोदी राज में तेल की बढ़ी कीमतों से हर चीज महंगी हो रही है, जिसकी आग में देश का हरेक नागरिक झुलसा है। किसान महीनों से सड़कों पर हैं और हर वर्ग तनावग्रस्त व परेशान है, लेकिन गूंगी-बहरी सरकार ने कानों में रुई डाली है। उन्होंने कहा कि अब देश व प्रदेश की जनता की बारी है कि ऐसी सरकार को सत्ता से बार रूखस्त कर दे।