सुंदरनगर, 10 जून : विश्व भर में फैली कोरोना महामारी का असर अब दूसरे वर्ष भी हिमाचल प्रदेश में पड़ना शुरू हो गया है। हिमाचल प्रदेश में आयोजित होने वाले प्रसिद्ध मेले कोरोना संकट के बीच स्थगित किए गए हैं। छोटी-काशी मंडी के पराशर ऋषि और देव कमरूनाग का मेला स्थगित होने के बाद अब जिला का तीसरा बड़ा शीतला माता मंदिर सुंदरनगर का मेला भी लगातार दूसरे वर्ष कोरोना की भेंट चढ़ गया है। मंदिर कमेटी ने कोरोना वायरस के कारण इतिहास में दूसरी बार मेले को स्थगित करने का निर्णय लिया है।
सुंदरनगर की ग्राम पंचायत कलौहड़ के भौण में माता शीतला विराजमान हैं। मंदिर में प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों से भी हजारों श्रद्धालु आकर शीश नवाते हैं। प्रत्येक वर्ष शीतला माता मंदिर में 9 जून की शाम को जागरण के साथ वार्षिक मेले का आगाज होता है और दूसरे दिन 10 जून को श्रद्धालुओं की ओर से माता के चरणों में जातर लाने के बाद 11 जून को दंगल के साथ मेले का समापन होता है, लेकिन पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई एडवाइजरी के कारण इस मेले को रद्द किया गया है।
इससे पहले जिला के दो अन्य बड़े आयोजन देव कमरूनाग और पराशर ऋषि का मेला भी जिला प्रशासन और देव समाज की ओर से लगातार दूसरी बार रद्द किया गया है।
शीतला माता मंदिर कमेटी के महासचिव बालचंद वालिया ने बताया कि तीन दिवसीय शीतला माता मेला कोरोना महामारी के चलते 100 वर्ष के इतिहास में लगातार दूसरे वर्ष भी स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुजारी द्वारा मंदिर में मात्र सूक्ष्म पूजा की गई है। वालिया ने कहा कि मेले में अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे। इसमें मेले के पहले की संध्या में एक भव्य जागरण का आयोजन किया जाता है, जिसमें हिमाचल व बाहरी राज्यों के कलाकार श्रद्धालुओं का मनोरंजन करते हैं।
उन्होंने कहा कि मेले के दूसरे दिन दंगल में हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ बाहरी राज्यों के पहलवानों भी दमखम दिखाते थे। इसके साथ ही हजारों श्रद्धालुओं की ओर से माता शीतला को भेंट के तौर पर नई फसल का चढ़ावा चढ़ाया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के बीच मेले के साथ-साथ सभी आयोजन भी स्थगित कर दिए गए हैं।