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#Sirmour : सिग्नल न मिलने की वजह से नहीं हो रही थी पढ़ाई, शिक्षित युवाओं ने उठाया बीड़ा…

June 11, 2021 by MBM News Network

नाहन, 11 जून : ट्रांसगिरि का एक रिमोट गांव है टिटियाना। यहां आर्थिक तंगहाली की वजह से कुछ अभिभावक अपने बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल नहीं खरीद पा रहे थे। तो कुछ को नेटवर्क के इशू का सामना करना पड़ रहा था। इसी बात ने गांव के शिक्षित युवाओं में एक प्रेरणादायक सोच को विकसित कर दिया।

गांव के बच्चों को पढ़ाते युवा

खास बात ये है कि स्वयंसेवी युवा स्मार्ट फोन से लैस हैं। यही कारण है कि वो धरातल पर पिछड़े इलाकों में अपनी सोच को व्यवहारिक रूप दे रहे हैं। हालांकि सरकार ने ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को पढ़ाने के लिए हर घर पाठशाला कार्यक्रम शुरू किया है, लेकिन इस गांव के बच्चों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है।

मोबाइल व नेटवर्क के इशू के अलावा कई अभिभावक अपने बच्चों को व्यस्तता की वजह से समय नहीं दे पा रहे। इस समस्या से निजात पाने के लिए युवाओं ने उन नौजवान साथियों की सूची तैयार की, जिन्होंने बीएड कर रखी है या फिर कोई जेबीटी या शास्त्री की पढ़ाई कर रहा है। टीम तैयार कर हरेक सदस्य को निशुल्क तौर पर 5 से 10 बच्चों के छोटे समूह को पढ़ाई करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके लिए शिक्षा उपनिदेशक व जिला परियोजना अधिकारी का भी सहयोग हासिल हो रहा है।

अभियान में गांव के कई शिक्षित युवाओं ने अपने घर के आसपास स्कूल जाने वाले बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ है कि ये बच्चे भी ठीक उसी पैटर्न पर पढ़ाई कर रहे हैं, जिसे सरकार द्वारा ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध करवाया जा रहा है। युवाओं की टोली ने इन बच्चों की क्विज कंपीटिशन में भी साप्ताहिक भागीदारी सुनिश्चित की है। जिन बच्चों को बेसिक शिक्षा की जरूरत थी, उन्हें ये सुविधा भी दी जा रही है। मसलन, पहली व दूसरी में दाखिल हुए बच्चे अब तक पाठशाला ही नहीं गए हैं।

बच्चों को योग करवाते शिक्षक 

संगड़ाह शिक्षा खंड में बीआरसीसी के पद पर तैनात मायाराम शर्मा मूलतः टिटियाना के हैं। हाल ही में लाॅकडाउन की वजह से घर पर ही थे। युवाओं को उनसे प्रेरणा मिली। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में बीआरसीसी मायाराम शर्मा ने कहा कि इस बारे शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर को भी अवगत करवाया। इस अभियान की उन्होंने काफी सराहना की है। उन्होंने कहा कि सरकार भी इस मॉडल को समूचे प्रदेश में लागू करने पर विचार कर रही है।

कुल मिलाकर स्वयंसेवी युवाओं को अगर सरकार केवल इतना मानदेय मुहैया करवा दे कि वो अपने मोबाइल को रिचार्ज करने के अलावा मेनटेन कर सकें तो निश्चित तौर पर नतीजे ओर अधिक सकारात्मक तौर पर सामने आ सकते हैं।

Filed Under: युवा, सिरमौर, हिमाचल प्रदेश Tagged With: Himachal News In Hindi, Sirmour news



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