शिमला, 9 जून : सोशल मीडिया का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। युवा पीढ़ी इसका बखूबी इस्तेमाल कर रही है। फिर चाहे फेसबुक, व्हट्सएप, ट्विटर या इंस्टाग्राम हो, हर कोई इसकी एप्लीकेशन में उलझा है मगर बढ़ते प्रचलन के बीच साइबर क्राइम ने भी अपने पांव पसार लिए हैं। साइबर अपराधी अब सोशल मीडिया के जरिए नए-नए तरीके अपनाकर ठगी को अंजाम दे रहे हैं।
गत 5 महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें, तो साइबर अपराध की 815 शिकायतें सोशल मीडिया से जुड़ी हुई हैं। इनमें फेक सोशल मीडिया प्रोफाईल बनाकर साईबर ठगी करने एवं विडियो कोल के माध्यम से ब्लेकमैल करना शामिल हैं। इसके अलावा 150 शिकायतें विभिन्न मामलों जैसे मोबाइल खोना एवं इंटरनैट के गलत इस्तेमाल के सम्बंध मे साइबर पुलिस को प्राप्त हुई है।
कुछ स्कैमर्स नकली केवाईसी सत्यापन संदेश भेजकर भी ग्राहकों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। साइबर ठग लोगों के मोबाइल पर झूठे संदेश कर चेतावनी देते हैं कि यदि केवाईसी पूरा नहीं की गई, तो नंबर बंद कर दिया जाएगा।
सूबे में साइबर अपराध के इस साल के आंकड़े चोैंकाने वाले हैं। पिछले पांच महीनों में राज्य में साइबर अपराध की 1750 शिकायतें सामने आई हैं। इनमें 750 शिकायतें ठगी की हैं। साइबर क्राइम शिमला के एएसपी नरवीर राठौर ने बुधवार को बताया कि साईबर पुलिस नेे ठगी के शिकार लोगों को करीब 15 लाख रुपए पैमैंट गेट-वे से रिफंड करवाया है। इसके अलावा करीब 14 लाख रुपए अभी भी पेमैंट गेट-वे मे होल्ड करवाए गए है जिसे रिफंड करवाने की प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने साइबर मामलों में हो रही बढ़ौतरी के मददेनजर लोगों को जागरूक व सचेत रहने का परामर्श दिया है। एएसपी नरवीर राठौर ने परामर्श जारी करते हुए बताया कि केवाईसी वेरिफिकेशन की आड़ में स्कैमर्स यूजर्स का पर्सनल डेटा चुराने की कोशिश कर रहे हैं। कई शिकायतकर्ताओं ने कहा है कि उन्हें अज्ञात नंबरों से एसएमएस संदेश प्राप्त हुए हैं, जिसमें कहा गया है कि अगर उन्होंने अगले 48 घंटों के भीतर अपनी केवाईसी जानकारी सत्यापित नहीं की तो उनके नंबर बंद कर दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि यदि आप ऐसे संदेशों के प्राप्त होने पर होते हैं, तो उन पर ध्यान न दें, क्योंकि वे नकली हैं। जबकि कंपनियां केवाईसी सत्यापन के लिए ग्राहकों तक पहुंचती हैं, यह आधिकारिक चैनलों के माध्यम से होता है न कि अज्ञात फोन नंबरों के माध्यम से।
नरवीर राठौर ने कहा कि दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी एयरटेल अपने ग्राहकों को नवीनतम केवाईसी घोटाले में न आने की चेतावनी देते हुए संदेश भेज रहा है। एयरटेल की तरफ से कहा गया है कि वह कभी भी अपना ईकेवाईसी विवरण, आधार नंबर साझा करने, कोई ऐप डाउनलोड करने, अपने एयरटेल नंबर के सत्यापन के लिए किसी भी मोबाइल नंबर से कॉल करने या आपके सिम की समय सीमा समाप्त होने वाले किसी एसएमएस के लिए नहीं कहता है। ऐसी कॉल व एसएमएस से सतर्क रहें, क्योंकि इनके परिणामस्वरूप वित्तीय धोखाधड़ी हो सकती है।
नरवीर राठौर ने आगे कहा कि यदि आप सावधान नहीं हैं तो ऐसे केवाईसी संदेशों में वास्तव में आपका डेटा और पैसा चुराने की क्षमता होती है। ध्यान दें कि ये संदेश एक फोन नंबर के साथ आते हैं या इसमें एक संदिग्ध लिंक शामिल हो सकता है। नंबर पर कॉल करने से आप सीधे एक स्कैमर के संपर्क में आ सकते हैं, जो आपसे तीसरे पक्ष के ऐप डाउनलोड करने के लिए कह सकता है जो आपके फोन को क्लोन कर सकते हैं और आपका डेटा चुरा सकते हैं। संदिग्ध लिंक आपको एक कपटपूर्ण साइट पर ले जा सकते हैं जो आपका डेटा भी चुरा सकती है।