धर्मशाला, 7 जून : हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने सीबीएसई की तर्ज पर मैट्रिक व जमा दो के विद्यार्थियों को प्रमोट करने का अंतिम निर्णय ले लिया है। परीक्षार्थियों को विषयवार अंक प्रदान करने के लिए सरकार के तत्वाधान में नीति निर्धारित की गई है। दसवीं कक्षा का परिणाम घोषित करने के लिए अंक सारणीकरण प्रारूप प्रस्ताव नीति बनाई गई है। 7 मापदंड तय किए गए हैं।
विद्यार्थियों के नौवीं कक्षा, प्रैक्टिकल, इंटरनल असेसमेंट, फर्स्ट व सैकेंड टर्म एग्जाम, प्री बोर्ड व हिन्दी विषय के अंक के मूल्यांकन के आधार पर नतीजा जारी होगा। इस बारे बोर्ड के अध्यक्ष डाॅ. सुरेश कुमार सोनी की अधिकारियों से बैठक भी हुई। प्रैक्टिकल परीक्षाओं का संचालन पूर्व में करवाया गया था। विद्यालयों से प्रैक्टिकल व आंतरिक मूल्यांकन के अंक बोर्ड को प्राप्त हो चुके हैं। संबंधित विद्यालयों के प्रधानाचार्य व मुख्याध्यापकों की अध्यक्षता में परिणाम सारणीकरण समिति का गठन किया जाएगा। ऑनलाइन कोडिंग माॅडयूल तैयार होगा। इसमें विद्यार्थियों का डाटा अपलोड होगा।
असेसमेंट से असंतुष्ट विद्यार्थियों को कोविड के हालात ठीक होने होने के बाद पेपर देने का मौका दिया जाएगा। उधर, हालांकि बोर्ड ने जमा दो के छात्रों को स्तरोन्नत करने का निर्णय ले लिया है, मगर परीक्षार्थियों को विषयवार अंक प्रदान करने के लिए नीति भी निर्धारित कर दी है।
ऐसे तैयार हुआ है उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का खाका….
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने दसवीं के हिन्दी विषय व जमा दो के अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की तैयारी शुरू कर दी है। 26 जून 2021 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। मैट्रिक के हिन्दी विषय की प्रति उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन के लिए 8.75 रुपए भुगतान होगा, जबकि जमा दो के अंग्रेजी विषय के लिए 10.50 रुपए प्रति उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का भुगतान तय किया गया है।
इसके अलावा तीन अलग-अलग कैटेगरी में 200, 1000 व 1500 रुपए का भुगतान भी किया जाएगा। परीक्षा में डयूटी देने वाले नोडल अधिकारी व डाटा एंट्री के लिए 750 रुपए प्रति सत्र की राशि दी जा रही है। फिलहाल ये साफ नहीं है कि दसवीं व बारहवीं के एक-एक विषय में कितने छात्रों ने हिस्सा लिया है। लिहाजा, ये तय करना भी मुश्किल है कि बोर्ड इन उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए कितनी राशि खर्च कर रहा है। अलबत्ता, स्कूल शिक्षा बोर्ड ने उत्तर पुस्तिकाओं के आबंटन व स्कूल स्तर पर उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन हेतु परीक्षकों की पात्रता को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
मूल्यांकन को लेकर यह भी तय किया गया है कि प्रतिदिन 30 उत्तर पुस्तिकाओं को मूल्यांकित किया जाएगा। निर्धारित अवधि में मूल्यांकन कार्य निष्पादित कर अंक सूचियां तैयार कर बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल को घर पर मूल्यांकित करने के लिए भी दिया जा सकता है।
मूल्यांकन करते अगर लगे कि प्रश्नों के साथ उत्तर नहीं मिल रहे हैं तो यह उत्तर पुस्तिका एमपीएसओएस के छात्र की भी हो सकती है। ऐसे प्रश्न पत्रों के अनुरूप मूल्यांकन करें। बोर्ड ने ये राय दी है कि परीक्षक, परीक्षार्थी द्वारा प्राप्त अंकों को सूची में दर्ज करते समय उत्तर पुस्तिकाओं में लिखे अनुक्रमांक से ध्यानपूर्वक मिलान करने के पश्चात ही प्राप्तांक दर्ज करेगा, कटिंग मान्य नहीं होगी। उत्तर पुस्तिकाओं को पूर्णतया गोपनीय रखने की भी हिदायत है। परीक्षक किसी भी स्थिति में उत्तर पुस्तिकाओं को किसी दूसरे व्यक्ति के पास नहीं छोड़ेगा।
कुल मिलाकर उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए हिमाचल शिक्षा बोर्ड ने लंबे-चैड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं।