नाहन, 7 जून : सिरमौर की कोलर पंचायत के फांदी गांव में किंग कोबरा की मौजूदगी के एमबीएम न्यूज नेटवर्क द्वारा खुलासे के बाद देश के कई शोधकर्ता भी दिलचस्पी इस कारण दिखा रहे हैं, क्योंकि उन्हें किंग कोबरा के प्राकृतिक घर का पता चला है।
खैर, अब एक नई जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक चंद सप्ताह पहले भालू का एक नन्हा शावक भी किंग कोबरा के इलाके में आ गया था। हालांकि उनका आमना-सामना होने की कोई जानकारी नहीं है। अलबत्ता इतना जरूर है कि चोटी पर कई दिन तक मादा रीछ अपने शावक के लापता हो जाने के बाद जोरदार आवाज में गुर्राती रही थी। इसके बाद बिछड़कर रिहायशी इलाके तक पहुंचे शावक को दूर जंगल में छोड़ दिया गया था।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क के पास इस इलाके में भालू के नन्हें शावक के पहुंचने के पुख्ता सबूत मौजूद हैं। इसमें कुछ सेकंड का वीडियो भी है। उल्लेखनीय है कि साल के जंगल में किंग कोबरा को सबसे पहले प्रवीण ठाकुर के कुत्ते ब्लैकी ने नोटिस किया था। कुत्ते के अलर्ट के बाद ही प्रवीण ने सावधानी से वीडियो शूट किया था।
क्यों विचित्र घटना…
वाइल्ड लाइफ में इस घटना को विचित्र माना जा सकता है, क्योंकि किंग कोबरा के वास में भालू की दस्तक नामुमकिन सी होती है। भालू समुद्रतल से इतनी कम ऊंचाई तक नहीं पहुंचता है। अगर पहुंचा भी है तो वो भी किंग कोबरा के वास के आसपास। जबकि किंग कोबरा का वास काफी कम ऊंचाई पर होता है। वैसे श्री रेणुका जी सफारी में इस समय एक शावक सहित चार भालू मौजूद हैं, वो इलाका भी गर्म हैं। लेकिन वहां परिस्थितियां काफी भिन्न हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि कई मर्तबा जंगलों की आग व भोजन की तलाश में ऊंचाई वाले इलाकों से प्राणी तराई वाले इलाकों में पहुंच जाते हैं। मगर ये बात भी अनोखी है कि अगर मादा अपने शावक के साथ उस इलाके में पहुंच गई, जिसमें अब वन्य प्राणी विभाग भी किंग कोबरा का वास होने की तस्दीक कर रहा है।
करीब 10 साल पहले श्री रेणुका जी में वन्यप्राणी विभाग द्वारा लगाए गए ट्रैप कैमरों में भालू की तस्वीरें कैद हुई थी, जिसे उस समय भी काफी अचंभित माना गया था। उल्लेखनीय है कि वन्य प्राणी विभाग के शीर्ष अधिकारी भी कोलर के फांदी गांव में किंग कोबरा का वास होने की पुष्टि कर चुके हैं।
ये कहते हैं विशेषज्ञ…
वन्य प्राणियों के बारे में जानकारी रखने में माहिर कंवर अजय बहादुर सिंह का कहना है कि पहले तो एमबीएम न्यूज नेटवर्क इस बात की बधाई का पात्र है कि इलाके में किंग कोबरा की मौजूदगी की जानकारी दी। हिमाचल के वाइल्ड लाइफ के लिए ये बेहतर ही खुशी की बात है कि किंग कोबरा के होने के सबूत मिले हैं।
उनसे ये सवाल पूछा गया कि क्या किंग कोबरा के वास में भालू के शावक की मौजूदगी के क्या मायने हैं। इसके जवाब में कंवर अजय बहादुर सिंह ने कहा कि साधारण तौर पर भालू ऊंचाई वाले इलाकों में वास करता है। वहीं किंग कोबरा के घर का इलाका गर्म होता है। कई मर्तबा भालू तराई में काफी नीचे तक आ जाते हैं। इसके अलग-अलग कारण होते हैं। अब चूंकि इलाके में किंग कोबरा की तस्दीक हो चुकी है। ऐसे में अगर इसी इलाके में मादा भालू के शावक की उपस्थिति मिली है तो वाइल्ड लाइफ के क्षेत्र में अलग की घटना हो सकती है।
क्या बदल रहा है भालू का स्वभाव…
कुछ अरसा पहले वाइल्ड लाइफ विभाग ने भालू के स्वभाव में एक बदलाव भी पाया था। इस बात की जानकारी नहीं है कि विभाग ने इसको रिकाॅर्ड में लिया था या नहीं। दरअसल, बर्फबारी में भालू ऊंचाई वाले इलाकों में ही अपनी गुफाओं में रहता है। मगर, कुछ साल पहले ऐसा पाया गया था कि इस दौरान भी भालू ने पहाड़ों की तलहटी में आकर लोगों पर हमले किए। इसी कारण ये माना गया था कि भालू का स्वभाव बदल रहा है। बर्फ पड़ने के बाद तलहटी में रहने वाले लोग खुद को भालुओं से सुरक्षित मानते थे, लेकिन ये शोध का विषय है कि क्या वास्तव में भालुओं के व्यवहार में बदलाव हो रहा है।