शिमला, 06 जून : हिमाचल प्रदेश में पाॅलीथीन हटाओ पर्यावरण बचाओ अभियान के माध्यम से प्रत्येक वर्ष लगभग 60 टन प्लास्टिक कचरा एकत्रित कर उसका उपयोग सड़क निर्माण और सीमेंट उद्योगों में ईंधन के रूप में किया जा रहा है। इसके माध्यम से राज्य में 190 किलोमीटर प्लास्टिक की सड़कें बनाई गई।
प्रधान सचिव पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के.के. पन्त ने शनिवार को ये जानकारी दी। वह विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। प्रदेश सचिवालय शिमला में इस कार्यक्रम का आयोजन वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित किया जाना निर्धारित था, परन्तु अपरिहार्य कारणों से वह इस समारोह में शामिल नहीं हो सके।
के.के. पन्त ने कहा कि प्रदेश में प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट से उत्पन्न समस्या से निपटने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा नाॅन-साइकलेबल प्लास्टिक अपशिष्ट 75 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदने के लिए बायबैक पॉलिसी शुरू की गई है। इसके अन्तर्गत अब तक 1,35,600 किलो प्लास्टिक खरीदा गया, जिसके लिए 87 लाख रुपये का भुगतान किया गया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में वर्ष 2011 से प्लास्टिक के कप, प्लेट, गिलास इत्यादि पर प्रतिबंध लगाया गया तथा वर्ष 2018 में थर्माकोल से बनी वस्तुएं जैसे थाली, कप, प्लेट, चम्मच इत्यादि पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यावरण प्रबन्धन को सुदृढ़ करने के लिए कई शोध परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। आईआईटी मंडी के विशेषज्ञों के सहयोग से लैंड स्लाइड अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित किया गया है। पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली भी विकसित की गई है।