पांवटा साहिब, 04 जून : हिमाचल के पांवटा साहिब से काॅस्मैटिक के लाइसेंस की आड़ में अफ्रीका के रिपब्लिक ऑफ चाड़़ (ब्ींक) में कथित तौर पर नशीली दवाओं की तस्करी का हैरतअंगेज मामला सामने आया है। हो सकता है, हिमाचल से विदेश तक नशीली दवा को भेजने का ये पहला ही मामला हो।
ये मामला, भराड़ी थाना में दर्ज किया गया है। हालांकि मामला, इंटरपोल के माध्यम से स्टेट नारकोटिक क्राइम कंट्रोल (एसएनसीसी) के संज्ञान में मार्च माह में ही आ गया था, लेकिन एसएनसीसी ने पहले फार्मा कंपनी के पानीपत प्लांट में दबिश दी। इसके बाद टीम पांवटा साहिब पहुंची है। ये भी बताया जा रहा है कि फार्मा उद्योग द्वारा पांवटा साहिब में काॅस्मैटिक प्रोडक्टस का उत्पादन किया जाता है, जबकि पानीपत के प्लांट में दवाएं बनती हैं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क को मिली जानकारी के मुताबिक नशीली दवाओं को अफ्रीकी देश तक पहुंचाने वाली फार्मा कंपनी का पांवटा साहिब के अलावा पानीपत में भी प्लांट है। ये भी पता चला है कि स्टेट नारकोटिक्स क्राइम कंट्रोल की 8 सदस्यीय टीम बुधवार को पांवटा साहिब पहुंच गई थी। वीरवार को एसपी जी शिवा कुमार भी पहुंचे हैं।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि पंजाब पुलिस की एक फार्मा उद्योग में कार्रवाई के बाद ये बात सामने आई थी कि हिमाचल से अन्य राज्यों में ही नशीली दवाओं को भेजा जा रहा है। मगर इस मामले में तो सात समंदर पार ही ड्रग्ज को पहुंचा दिया गया।
उधर, एक अन्य जानकारी के मुताबिक स्टेट नारकोटिक्स क्राइम कंट्रोल की टीम तीन दिन से तमाम फार्मा उद्योगों का रिकाॅर्ड भी खंगाल रही है, ताकि ये पता चल सके कि वैध लाइसेंस व अन्य औपचारिकताओं के तहत ही ऐसी दवाओं का उत्पादन हो रहा है, जो एनडीपीएस एक्ट के दायरे में भी आती हैं। उधर, पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से इंकार किया है।