शिमला, 3 जून : एक वक्त था, जब पुलिस खासकर ट्रैफिक कर्मियों को खासी आलोचनाओं का सामना करना पड़ता था। अक्सर ही ईमानदारी को लेकर मौखिक आरोप लगा जाते रहे हैं। लेकिन अब हिमाचल पुलिस का चेहरा पूरी तरह से बदलता प्रतीत हो रहा है। रोजाना ही खाकी पहनने वालों के मानवीय चेहरे की सूचनाएं आती हैं तो कोविड संकट में योद्धा के रूप में भी फ्रंटलाइन पर रहे।
इसी बीच दो पुलिस कर्मियों की कर्त्तव्यनिष्ठा के साथ-साथ ईमानदारी भी सामने आई है। पहले ये पता लगाया कि असल मालिक का दो लाख का बैग कहां है, फिर इसे ईमानदारी से मालिक तक पहुंचा दिया। चाहते तो एक-एक लाख रुपए की राशि बांट भी सकते थे। लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा था कि ईमानदारी व कर्त्तव्यनिष्ठा से बड़ी कोई पूंजी नहीं है। साथ ही जिस जरूरतमंद की ये राशि गुम हुई होगी, उसके दिल पर क्या गुजर रही होगी। यहां बात हो रही है हिमाचल के सबसे बड़े जनपद कांगड़ा थाना की।
मुख्य आरक्षी अजय कुमार व आरक्षी पवन कुमार ने दो लाख रुपए से भरे बैग को जसूर के रहने वाले असल मालिक सुनील कुमार तक पहुंचा कर अपने कर्त्तव्य की पालना के दौरान निर्भय, निष्पक्ष, सत्यनिष्ठा व ईमानदारी की मिसाल पेश की है। हिमाचल प्रदेश पुलिस के मुख्यालय ने भी मुख्य आरक्षी अजय कुमार व आरक्षी पवन कुमार पर गर्व महसूस किया है। वहीं कांगड़ा जनपद के एसपी ने भी कर्मियों की पीठ थपथपाई है।