नाहन, 03 जून : न ही अर्थी, न ही कंधा। बेहद गरीब पिता की गोद में ही कब्र तक पहुंच गई 11 माह की नन्हीं तान्या। हर किसी का इस ह्दय विदारक दृश्य को देखकर दिल पसीज उठा था। नानके में मासूम की पार्थिव देह को मारकंडा धाम के नजदीक जोगीबन के कब्रिस्तान में दफना दिया गया। चंद रोज पहले डाॅ. वाईएस परमार मेडिकल काॅलेज में खून की कमी के कारण दाखिल थी।
दो दिन पहले ही मासूम को चंडीगढ़ के 32 सेक्टर रैफर कर दिया गया था। वहां नन्हीं जान की कोविड रिपोर्ट भी पाॅजिटिव आ गई। बुधवार शाम नन्हीं परी ने संसार को बेहद ही अल्पायु में त्याग दिया। गमगीन माता-पिता को वीरवार सुबह तक पार्थिव देह मिलने का इंतजार करना पड़ा। चंडीगढ़ से तान्या की पार्थिव देह को बोहलियो लाया गया। सेक्टर 32 के मेडिकल काॅलेज ने औपचारिकताएं न होने पर शाम को शव देने से इंकार कर दिया था।
सिरमौर की रैडक्राॅस सोसायटी गमगीन परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही। शव न मिलने पर एंबुलेंस रात्रि को लौट आई, मगर सुबह औपचारिकताओं के लिए जरूरी दस्तावेज जुटाने के बाद एंबुलेंस को दोबारा 32 सेक्टर भेजा गया। बता दें कि बच्ची की मां श्यामा का मायका बोहलियों में है, जिसका विवाह बहराल के रहने वाले संजय कुमार के साथ हुआ था। नम आंखों से अपनी नन्हीं परी को दफनाने के बाद बेहद गरीब पिता संजय कुमार ने खुद को होम आइसोलेट कर लिया है।
मारकंडा धाम के स्वामी तीर्थानंद ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के खाने-पीने की तमाम व्यवस्थाएं की हैं। गौरतलब है कि दो साल पहले दिवंगत तान्या के पिता संजय कुमार एक सड़क हादसे में चोटिल हो गए थे। जिंदगी की लड़ाई में जीत हासिल की थी। उधर, एमबीएम न्यूज से बातचीत में स्वामी तीर्थानंद ने बताया कि हिन्दू रीति-रिवाजों व कोविड प्रोटोकाॅल के तहत मासूम बच्ची का अंतिम संस्कार किया गया है।
उधर, डाॅ. वाईएस परमार मेडिकल काॅलेज से भी एक दुखद खबर आई है। 9 माह की गर्भवती 24 वर्षीय महिला की कोविड की वजह से मौत हो गई। पांवटा साहिब के मैहरेवाला की रहने वाली महिला को पांवटा साहिब अस्पताल में 27 मई को लाया गया था। इस दौरान कोविड रिपोर्ट पाॅजिटिव आने पर महिला को नाहन रैफर किया गया। 6 दिन से लगातार इलाज चल रहा था।