बिलासपुर,03 जून: हिमाचल में कोरोना कर्फ्यू जारी है। चेन तोड़ने के मकसद से शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखा गया है। इस बारे में प्रदेश सरकार द्वारा अधिसूचना जारी की गई है तथा विद्यार्थियों की कक्षाएं भी ऑनलाइन चल रही हैं। बावजूद इसके राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कन्या बिलासपुर में वीरवार को जमा एक के विद्यार्थियों को एडमिशन के लिए बुलाया गया। इसके लिए पाठशाला प्रबंधन द्वारा बकायदा ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बनाए गए ग्रुप में एक पत्र डाला गया। इसके बाद काफी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों के साथ दाखिला लेने पहुंच गए।
इस दौरान विद्यालय प्रबंधन द्वारा तीन एडमिशन भी की गई। सूचना उच्चाधिकारियों को मिलने के बाद आनन- फानन में पाठशाला प्रबंधन को ऑफ लाइन एडमिशन न करने की हिदायत दी गई। इस पर पाठशाला में मौजूद स्टाफ ने एडमिशन फार्म यह कहकर देने से मना कर दिया कि अब एडमिशन 5 जून के बाद ही होगी। इस कारण दूर से अपने बच्चों सहित आए अभिभावकों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। पाठशाला प्रबंधन के इस गैर जिम्मेदाराना हरकत की वजह से न केवल सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना का उल्लंघन हुआ है, बल्कि सार्वजनिक परिवहन सुविधा बंद होने के कारण अभिभावकों को आवागमन करने में परेशानियों को उठाना पड़ा। इससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा, बल्कि उनका समय भी बर्बाद हुआ।
अभिभावकों ने बताया कि यदि एडमिशन नहीं करनी थी तो उन्हें पाठशाला में क्यों बुलाया गया। इस बारे में पहले ही ग्रुप में सही मैसेज डालना चाहिए था। इस बारे में उच्च शिक्षा उपनिदेशक राजकुमार ने बताया कि मामला ध्यान में आने के बाद पाठशाला प्रबंधन को एडमिशन नहीं लेने की हिदायत दी गई। बच्चों व अभिभावकों को वापस भेजने के निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि इस बारे में पाठशाला के प्रधानाचार्य से जवाब मांगा गया है।
उन्होंने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार पाठशाला में विद्याथीयों को नहीं बुलाया जा सकता। वहीं, डीसी रोहित जमवाल ने बताया कि उच्च शिक्षा उपनिदेशक को इस बारे में जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। उच्च शिक्षा उपनिदेशक की रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।