शिमला,2 जून : कोरोना की दूसरी लहर और मौसम के बिगड़े तेवरों का शिमला जिला में सेब उत्पादन पर खास असर नहीं पड़ा है। अप्पर शिमला में इस बार सेब की अच्छी पैदावार होने की संभावना है। जिला प्रशासन ने सेब की दो करोड़ पेटियों के उत्पादन का अनुमान लगाया है, जो कि पिछले वर्ष से काफी अधिक है। इससे बागवानों की आर्थिकी में सुधार होगा। इस बार बारिश-बर्फबारी, ओलावृष्टि और अंधड़ से किसानों-बागवानों को भारी नुकसान हुआ है। कोरोना के चलते परिवहन के साधन बंद होने से किसानों-बागवानों की सब्जियां और फल या तो खेतों में ही सड़ गए या ट्रकों में ही पड़े रह गए। ऐसे में इस नुकसान की भरपाई सेब की ज्यादा पैदावार करेगी।
सेब सीजन की तैयारियों को लेकर बुधवार को जिला के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने बताया कि इस वर्ष जिला में 4.18 मिट्रिक टन सेब उत्पादन के साथ 2 करोड़ बाॅक्स होने की संभावना है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले ज्यादा हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को इस दौरान जिला में मुख्य सड़कों के साथ-साथ वैकल्पिक मार्गों की मुरम्मत एवं रख-रखाव के निर्देश दिए ताकि मुख्य सड़क किसी कारण से बंद होने पर वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल किया जा सके।
उन्होंने सभी विभागों को 15 जुलाई से पूर्व सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि इस दौरान किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो। उन्होंने बताया कि हर वर्ष की तर्ज पर इस वर्ष भी पुलिस विभाग द्वारा फागु में मुख्य नियंत्रण कक्ष तैयार किया जाएगा, जिससे सेब सीजन के दौरान सभी प्रकार की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।
इस दौरान समस्त उपमंडल अधिकारियों के साथ क्षेत्र में आ रही विभिन्न प्रकार की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें सभी उपमंडल अधिकारियों ने ट्रांसपोर्टेशन, श्रमिकों, अदायगी एवं सेब मूल्य आदि जैसी समस्याओं को उपायुक्त के समक्ष रखा। उन्होंने समस्त उपमंडल अधिकारियों को अपने उपमंडल स्तर पर सभी विभागीय अधिकारियों एवं बागवानों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए ताकि समय रहते बागवानों की समस्याओं का निदान हो सके।