नाहन, 31 मई : पंजाब पुलिस के पावंटा साहिब में नशीली दवाओं के अब तक के सबसे बड़े सीजर के बाद से ही हिमाचल के ड्रग विभाग के हाथ पांव फूले हुए हैं। हालांकि विभाग अपने स्तर पर यह दलील दे रहा है कि रॉ मैटेरियल के साथ-साथ उत्पादन को लेकर कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। मगर अधिकारी सटीक जानकारी देने से कतरा रहे है, इसी कारण विभाग की भूमिका पर संशय पैदा हो रहा है।
आप जानकर हैरान हो जाएगे कि ड्रग कंट्रोलर नवनीत मारवाह को ये तक नहीं पता है कि कालाअंब में पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बाद कितनी मात्रा में नशीली दवाओं की खेप को फ्रिज किया गया है।
पंजाब पुलिस ने कालाअंब के फार्म उद्योग से बरामद नशीले पदार्थों की सुपुर्दगी स्थानीय ड्रग विभाग को की है। विभाग के अधिकारी यह तो कह रहे हैं कि खेप को फ्रिज किया गया है, लेकिन ड्रग विभाग के कंट्रोलर नवनीत मारवाह सहित अधीनस्थ अधिकारी भी जानकारी देने से टालमटोल करते रहे।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क में ड्रग कंट्रोलर से बार-बार यह जानने का प्रयास किया कि कितनी मात्रा में दवाओं को फ्रिज किया गया है, लेकिन बार-बार वह सवालों के जवाब को टालते रहे। बाद में यहां तक कह दिया कि उन्हें जानकारी ही नहीं है। वो अधीनस्थ कर्मचारियों व अधिकारियों से प्रतिक्रिया लेने की बात करते रहे।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि जहां हिमाचल पुलिस के आईजी स्तर के अधिकारी ने पांवटा साहिब का दौरा किया साथ ही पुलिस को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए। वहीं ड्रग विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने दौरा करना मुनासिब नहीं समझा। इससे पता चलता है कि विभाग कितना गंभीर है। ड्रग महकमे के के शीर्ष अधिकारी अपने-अपने दफ्तरों में बैठकर रिमोट कंट्रोल से ही काम चला रहे है।
प्रश्न इस बात पर भी पैदा होता है कि क्या ड्रग विभाग को भी अपने स्तर पर कार्रवाई करनी चाहिए या नहीं। ड्रग कंट्रोलर ने उस सवाल के जवाब को भी टाल दिया जिसमें यह पूछा गया था कि क्या एनडीपीएस के दायरे में शामिल दवाओं को बनाने वाली फार्मा कंपनियों को स्कैन किया जाता है या नहीं।
पंजाब पुलिस की पावंटा के बाद कालाअंब में बड़ी कार्रवाई से ड्रग महकमे की किरकिरी हो रही है। सटीक जानकारी देने से स्थानीय ड्रग महकमा कतरा रहा है। ऐसा भी हो सकता है कि कुछ कार्रवाई अंदर खाते हो रही ही लेकिन जानबूझकर मीडिया से शेयर न किया जा रहा हो।
खैर, बेशक अधिकारी जानकारी देना टल रहे हैं लेकिन अपुष्ट जानकारी के मुताबिक ट्रामाडोल की करीब 30 लाख टेबलेट को फ्रिज करने की जानकारी है। इसकी कीमत भी करोड़ों में हो सकती है।