मंडी, 31 मई : बधाई हो, आपको बेटा हुआ है और उसका वजन 3 किलो है। 28 और 29 मई की रात को 2 बजकर 44 मिनट पर जोनल हॉस्पिटल मंडी के डिलीवरी रूम में प्रसव पीड़ा को झेलकर नवजात को जन्म देने वाली कुम्मी गांव निवासी मधु को एक बार नहीं बल्कि तीन बार यह जानकारी वहां मौजूद कर्मियों ने दी।
इसके बाद बाहर सूचना के इंतजार में खड़े मधु के पति विजय को भी यही बताया गया। अंदर से प्रसूता और नवजात को बाहर भेज दिया गया। अगली सुबह जब नवजात को टीका लगाने के लिए ले जाने लगे तो मालूम हुआ कि उन्हें तो लड़के की जगह लड़की थमा दी गई है।
मधु बताती है कि जब इस बारे में छानबीन शुरू की तो मौके पर मौजूद कर्मियों ने यह कहकर बात घुमा दी कि बोलने में गलती हो गई थी। जबकि डिलीवरी रूम में मधु को एक दो नहीं बल्कि तीन बार यही बताया गया कि उसके पास बेटा हुआ है। मधु का इससे पहले भी एक बेटा है। यह उसकी दूसरी डिलिवरी थी।
जैसे ही परिवार को इस बात का पता चला तो मधु के पति विजय कुमार ने सीटी चौकी जाकर इसकी लिखित शिकायत दी। विजय ने बताया कि पहले तो पुलिस ने आने से आनाकानी की, लेकिन बाद में आए भी तो सिर्फ खानापूर्ति करके वापिस चले गए। किसी कागज पर उसके हस्ताक्षर करवाए और कहा कि कोई गड़बड़ नहीं हुई है सिर्फ कुछ गलतफहमी हो गई थी। आज विजय कुमार ने जिला प्रशासन और पुलिस को इसकी शिकायत सौंप कर मामले की निष्पक्ष जांच और डीएनए टेस्ट करवाने की मांग उठाई है। ताकि सच सामने आ सके।
एसपी शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि उनके पास शिकायत आई है और सीटी चौकी पुलिस को दोबारा से मामले की जांच पड़ताल करने के निर्देश दे दिए गए हैं। यदि जरूरत पड़ी तो फिर डीएनए टेस्ट भी करवाया जाएगा। यदि किसी की लापरवाही पाई जाती है तो फिर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
ज्ञात रहे कि प्रदेश में ऐसा पहले भी हो चुका है और उसमें भी डीएनए टेस्ट करवाने के बाद ही यह पता चला था कि बच्चों की अदला-बदली हुई है। यह परिवार भी जो आरोप लगा रहा है उसका सही पता डीएनए टेस्ट के बाद ही चल पाएगा।