सुंदरनगर, 29 मई : हिमाचल प्रदेश के मंडी जनपद में कोरोना संक्रमण को लेकर अब तक का सबसे अधिक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। विकास खंड सुंदरनगर के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य खंड धारंडा के गांव नायली की एक 33 वर्षीय महिला होम आइसोलेशन खत्म होने के दसवें दिन दोबारा कोरोना संक्रमित पाई गई हैं। इससे साफ प्रतीत होता है कि संक्रमित महिला पहली बार कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद पूर्ण रूप से ठीक नहीं हुई थी, इसके चलते फिर से संक्रमण की गिरफ्त में आ गई है।
वहीं हैरान कर देने वाले इस मामले ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग के संक्रमित आने के 10 या 17 दिनों तक आइसोलेशन में रहने के बाद बिना कोविड टेस्टिंग के ठीक होने के दावों की भी पोल खोल दी है। वैश्विक महामारी के फैलाव को लेकर सामने आए मामले में स्वास्थ्य खंड रोहांडा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धारंडा के नायली गांव की एक 33 वर्षीय महिला पहली को दोबारा होम आइसोलेशन में भेजने की अलावा दूसरा विकल्प नहीं है।
संक्रमित महिला ने 29 अप्रैल को बुखार और सिरदर्द के लक्षण आने पर आरटी पीसीआर टेस्ट कराया था,रिपोर्ट एक मई को पॉजिटिव आई थी। वहीं सेंपलिंग में महिला के परिवार में अन्य 4 लोग भी कोरोना से ग्रसित पाए गए थे। होम आइसोलेशन में समय बिताने के बाद महिला को दोबारा सिरदर्द के लक्षण आने पर क्षेत्र की एक अन्य पीएचसी में रैपिड एंटिजन टेस्ट करवाया गया तो महिला तो वो दोबारा संक्रमित पाई गई। इससे महिला का होम आइसोलेशन खत्म होने के कुछ ही दिनों बाद दोबारा संक्रमित आने से स्वास्थ्य विभाग के भी हाथ-पांव फूल गए हैं।
इस समय संक्रमित महिला दोबारा होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं। बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि दूसरी बार कोरोना की चपेट में आने वाले पीड़ितों में संक्रमण अधिक गंभीर हो सकता है। ऐसे रोगियों को पहले की तुलना में ज्यादा गंभीर लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। शुरू में आइसोलेशन पूरा होने के बाद टेस्ट किया जाता था जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव होने के बाद ही मरीज को स्वस्थ घोषित किया जाता था लेकिन बाद में इसमें बदलाव कर दिए गए थे। इस मामले ने दोबारा पुरानी व्यवस्था पर सोचने पर विवश कर दिया है।