शिमला, 29 मई : बिना डिग्री वाले बाबा रामदेव के देश के डॉक्टर पर अनाप-शनाप बयान पर भारतीय किसान यूनियन महाशक्ति ने बाबा राम देव को आंख दिखाते हुए मोदी सरकार को बाबा राम देव पर मेडिकल कानून के तहत लगाम कसने को कहा है।
भारतीय किसान यूनियन महाशक्ति के प्रदेश प्रवक्ता एन के पंडित ने बाबा रामदेव के बयान पर खुलकर देश के डॉक्टर के पक्ष में अपना समर्थन दिया है। उन्होंने बाबा रामदेव के अभी हाल ही के उस बयान पर आपत्ति दर्ज की है, जिसमें बाबा रामदेव ने ये कहा है कि गिरफ्तार तो उनका बाप भी नहीं कर सकता, ये कौन सी भाषा है।
उन्होंने केंद्र कि मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए पूछा कि आखिर बाबा राम देव को किसका सरंक्षण प्राप्त है। उन्होंने कहा कि केंद्र कि मोदी सरकार आखिर किसके साथ खड़ी है बिना डिग्री वाले फर्जी राम देव के साथ या डिग्री प्राप्त देश के डॉक्टर के साथ पहले मोदी सरकार ये स्पष्ट करे। पंडित ने केंद्र सरकार पर आरोप जड़ते हुए कहा कि केंद्र कि मोदी सरकार न तो देश के अन्नदाता किसानों के साथ खड़ी है और न ही कोरोना के सुरक्षा कवच डॉक्टर के साथ खड़ी है।
उन्होंने मोदी सरकार पर तंज कस्ते हुए कहा कि देश के डॉक्टर पर फूल बरसाने वाली मोदी सरकार आज क्यों अपने रास्ते से भटक कर आखिर क्यों बिना डिग्री वाले बाबा राम देव के साथ खड़ी है। भारतीय किसान यूनियन महाशक्ति के प्रदेश प्रवक्ता एन के पंडित ने प्रदेश की जयराम सरकार को भी नसीहत देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शराब की बोतल नहीं सरसों के तेल की बोतल सस्ती करो।
पंडित ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पर शब्दों का बाण छोड़ते हुए कहा कि आप विधायकों को झंडी के अलावा चांदी के मुकुट भी पहना दें तब भी भाजपा का अब विधानसभा के 2022 के चुनावों में कुछ नहीं होने वाला जिसका परिणाम आप खुद नगर निगम के चुनावों में देख चुके हो। मुख्यमंत्री अगर आप प्रदेश हित चाहते हो तो तुरंत फिजूलखर्ची पर रोक लगाओ और बार बार कर्जा लेना बंद करो।
उन्होंने मुख्यमंत्री पर सवालों कि झड़ी लगाते हुए पूछा कि आखिर आपके मंत्री सरकारी आवास कब छोड़ेंगे। आप अपने मंत्री और विधायकों कि पेंशन भत्ते कब बंद करोगे। आपके विधायक और मंत्री 15000/ रूपये मासिक टेलीफोन भत्ता क्यों लेते हैं और कब छोड़ेंगे। मुख्यमंत्री आप खुद हेलीकॉप्टर को टैक्सी की तरह घुमाना कब छोड़ेंगे। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि उम्मीद करता हूं। प्रदेश के मुख्यमंत्री इन सवालों पर अपना मुंह जरूर खोले। उन्होंने भाजपा सरकार पर कई तरह के सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अधिकतर फैसले केंद्र की मोदी सरकार पर निर्भर रहते हैं, चाहे वो प्रदेश हित में हो या न हों।
पंडित ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को सब से कमजोर मुख्यमंत्री कि संज्ञा देते हुए सिर्फ इतना कहते हुए पल्ला झाड़ा कि जय राम में अपनी मर्जी से फैसले लेने कि क्षमता का अभाव है, जो कि एक कमजोर मुख्यमंत्री की निशानी है। उन्होंने प्रदेश व केंद्र सरकार को कहा कि वो देश के अन्नदाता किसानों के साथ सम्मान से पेश आए तथा अभी भी अपना घमंड छोड़कर तीनों काले कृषि बिलों को लोकसभा बुलाकर देश हित में रद्द करें। नहीं तो आगामी विधान सभा और लोकसभा चुनावों में पश्चिमी बंगाल की तरह सूपड़ा साफ़ होगा।