शिमला, 29 मई : कोरोना कर्फ्यू की वजह से हिमाचल प्रदेश में इन दिनों क्राइम रेट कम दिख रहे है, लेकिन इस साल के 4 महीनों के दौरान संगीन अपराधों में बढ़ोतरी रही है। हत्या, जानलेवा हमले, बलात्कार, अपहरण और छेड़खानी के केस पिछले साल से ज्यादा हुए हैं। चोरियों के मामलों में भी उछाल आया है। एनडीपीएस, फॉरेस्ट, आईटी व एक्साइज एक्ट के मामलों में गिरावट रही है।
हिमाचल पुलिस के 2020 और 2021 के 1 जनवरी से 30 अप्रैल तक के क्राइम आंकड़ों की तुलना करने से यह तथ्य सामने आए हैं। मर्डर और रेप के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
पिछले साल अप्रैल तक मर्डर के 18, अटेम्पट टू मर्डर के 17, रेप के 79, अपहरण के 96 और छेड़खानी के 124 केस दर्ज हुए थे। लेकिन इस साल ये आंकड़ा बढ़ रहा है। मर्डर के केस 18 से बढ़कर 27 पहुंच गए। वहीं अटेम्पट टू मर्डर के 18, रेप के 106, अपहरण के 149 और छेड़खानी के 142 केस दर्ज हुए हैं। विगत वर्ष अप्रैल तक जहां चोरी की 135 घटनाएं हुईं, वहीं इस वर्ष ये आंकड़ा 153 पहुंच गया। साल के शुरुआती चार महीनों में गैर इरादतन हत्या की 3 व एससी एसटी एक्ट में 60 एफआईआर हुईं, जबकि पिछले साल अप्रैल तक गैर इरादतन हत्या की मात्र एक एफआईआर और एससी एसटी एक्ट में 56 मामले दर्ज हुए थे। दुर्घटनाओं पर भी इस साल अंकुश नहीं लग पाया। राज्य में 2021 अप्रैल तक 786 दुर्घटनाएं हुईं, जबकि वर्ष 2020 में अप्रैल तक यह आंकड़ा 600 था।
इन पर लगी लगाम
इस साल अप्रैल तक नशीली वस्तुओं की तस्करी, फॉरेस्ट, आईटी व एक्साइज एक्ट सहित अन्य अपराध में कमी आई है। पुलिस के मुताबिक वर्ष 2021 में अप्रैल तक एक्साइज एक्ट में 1050, फारेस्ट एक्ट में 43, आईटी एक्ट में 7 व आईपीसी की अन्य धाराओं में 2322 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं वर्ष 2020 में अप्रैल तक एक्साइज एक्ट में 1241, फारेस्ट एक्ट में 73, आईटी एक्ट में 29 व आईपीसी की अन्य धाराओं में 3196 एफआईआर दर्ज हुईं। लोकल व स्पेशल लाॅ के अंतर्गत इस साल 235 एफआईआर हुईं, जबकि पिछले वर्ष अप्रैल तक ऐसे 457 केस दर्ज किए गए थे।
ओवरऑल की बात करें, तो पिछले साल अप्रैल तक राज्य में कुल 7194 एफआईआर दर्ज हुई थीं। जबकि इस वर्ष अप्रैल तक 6123 एफआईआर हुई हैं। इस तरह ओवरऑल क्राइम में 1071 मामलों की कमी जरूर आई है।