शिमला,28 मई : कोरोना कर्फ्यू की बंदिशों की वजह से बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले में दोषी करार दिए गए नीलू नामक चिरानी की सजा पर सुनवाई शुक्रवार को नहीं हो सकी। कोरोना कर्फ्यू की बंदिशों की वजह से दोषी को आज कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका। कोर्ट ने दोषी को सज़ा सुनाने के लिए अब 3 जून की तारीख मुकर्रर की है। पिछले 20 दिनों से लागू कर्फ्यू के कारण 3 बार सुनवाई की तारीख टाली जा चुकी है।

दरअसल कोर्ट ने 28 अप्रैल को अभियुक्त नीलू को इस मामले में दोषी करार दिया था। इसके बाद 11 मई को कोर्ट ने दोषी को सजा सुनाने की तिथि निर्धारित की थी, लेकिन कोरोना कर्फ्यू लागू होने के चलते कोर्ट ने मामले की सुनवाई 18 मई को रखी थी। लेकिन 18 मई को इसे आगे बढ़ाकर 28 मई कर दिया गया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश राजीव भारद्वाज की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है। गौर हो कि 4 जुलाई, 2017 को शिमला जिले के कोटखाई की एक छात्रा स्कूल से लौटते समय लापता हो गई थी।
6 जुलाई को कोटखाई के तांदी के जंगल में पीड़िता का शव मिला। जांच में पाया गया कि छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी।
किशोरी के साथ दरिंदगी की इस वारदात के खिलाफ जबरदस्त जनाक्रोश देखने को मिला था। आक्रोशित लोगों की भीड़ ने कोटखाई थाने को आग के हवाले कर दिया था। प्रदेश हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई में सुपुर्द की थी। सीबीआई ने डीएनए परीक्षण के आधार पर अप्रैल 2018 में नीलू नामक चिरानी को गिरफ्तार किया था।
जुलाई 2018 में सीबीआई ने नीलू के विरुद्ध कोर्ट में चालान पेश किया था। इस मामले में सीबीआई ने 55 गवाहों के बयान दर्ज किए। अदालत ने भारतीय दंड संहिता और बच्चों के यौन अपराध से संरक्षण कानून की विभिन्न धाराओं के तहत नीलू को दुष्कर्म और हत्या का दोषी करार दिया है।