नाहन, 28 मई : हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब में नशे के खिलाफ जंग में रात भर चले ऑपरेशन में कथित रूप से अवैध तौर पर उत्पादित करीब 30.2 लाख टेबलेट जब्त की गई है। पुलिस ने इसकी कीमत 15 करोड़ रुपये आंकी है। दावा है कि यह सफलता अंतरराज्यीय समन्वय (Interstate coordination) की वजह से संभव हो पाई है। जब्त की गई खेप के साथ पंजाब पुलिस फार्मा कंपनी के मनीष मोहन को भी हिरासत में लेकर साथ ले गई है।

जानकारी के मुताबिक पंजाब के अमृतसर में ट्रामाडोल (Tramadol) की करीब 50 हजार गोलियां बरामद की गई थी। इसके बाद इसके तार पांवटा साहिब से जुड़ गए, क्योंकि इसी कस्बे के देवीनगर में इन टेबलेट का उत्पादन (Production) किया गया था। पंजाब पुलिस ने हिमाचल की पांवटा साहिब पुलिस के साथ मिलकर बीती रात फैक्ट्री में दबिश दी।
रात भर चली कार्रवाई में ड्रग विभाग के अतिरिक्त ड्रग कंट्रोलर (Drug Controller) सन्नी कौशल के अलावा ड्रग इंस्पेक्टर भी अहम भूमिका में मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि हिमाचल में अब तक इतनी बड़ी मात्रा में नशीली दवाओं की खेप (Drug consignment) पहले बरामद नहीं हुई है। यह पहला मौका है जब इतनी मात्रा में टेबलेट बरामद की गई है।
आपको बता दें कि टेबलेटस (Tablets) की मात्रा इतनी अधिक थी कि पंजाब पुलिस को इन्हे ले जाने के लिए ट्रक इस इस्तेमाल करना पड़ा। बताया यह भी जा रहा है कि ट्रामाडोल को करीब 3 साल पहले एनडीपीएस के प्रावधान में लाया गया था। लिहाजा इस तरह की दवाओं का उत्पादन करने वाली कंपनी को कच्चे माल की सप्लाई (Raw material supply) के अलावा उत्पादित मात्रा की जानकारी की डिटेल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) को भी मुहैया करानी होती है। इसके लिए बकायदा रिटर्न (Return) फाइल होती है।
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक पंजाब के अमृतसर में सीज की दवाओं के रैपर (Wrapper) पर मार्केटिंग करने वाली कंपनी का पता गलत दर्शाया गया था, इसी के बाद से ही पंजाब की अमृतसर पुलिस तफ्तीश (investigation) में जुटी हुई थी। इसके तार जुड़ते-जुड़ते पांवटा साहिब तक पहुंच गए। मौके पर दलबल सहित पहुंची टीम ने पांवटा साहिब पुलिस की मदद ली।
मिल रही जानकारी के मुताबिक ट्रामाडोल के कैप्सूल और अल्प्राजोलम की गोलियां का उत्पादन इस कंपनी में हो रहा था। कंपनी के पास इस दवा को बनाने का लाइंसेंस मौजूद था, लेकिन इतनी भारी मात्रा में यहां नशे से जुडी दवाओं का उत्पादन हो रहा था। इसे देखकर ड्रग्स विभाग के भी होश उड़े हुए है।
उधर एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में ड्रग कंट्रोलर नवनीत मारवाह का कहना था कि फैक्ट्री को कारण बताओ नोटिस (Show cause notice) दे दिया गया है। इसके अलावा स्टॉप प्रोडक्शन (Stop production) के आदेश जारी कर दिए गए है। उन्होंने बातचीत के दौरान यह भी माना कि वह 35 साल से विभाग में कार्यरत हैं, लेकिन इतने बड़े स्तर पर सीजर नहीं हुआ है। इसी बीच पांवटा साहिब के डीएसपी वीर बहादुर ने एमबीएम न्यूज़ से बातचीत में कहा कि रात भर चले ऑपरेशन में पंजाब पुलिस को पूरी मदद उपलब्ध करवाई गई। उन्होंने माना कि हिमाचल पुलिस ने जब्त की गई दवाओं की कीमत 15 करोड़ के आसपास आंकी है।
बता दें कि इस बड़े सीजर पर पंजाब पुलिस के महानिदेशक ने बीती रात ही टवीट् कर दिया था। साथ ही फेसबुक पोस्ट भी की थी। अब देखना ये है कि इस मामले में जांच की दिशा क्या रहेगी।
कुल मिलाकर सवाल इस बात का भी है कि क्या ड्रग विभाग अपने स्तर पर भी बाकी फार्मा कंपनियों की पड़ताल करेगा ताकि कोई बाहर से आकर ये न बताये कि आपके इलाके में गैर क़ानूनी कार्य इतने बड़े पैमाने पर चल रहा है। ऐसे में विभाग की फजीहत भी होती है।