शिमला, 28 मई : कोरोना की दूसरी लहर हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में भी दस्तक दे चुकी है। सूबे की लगभग 90 फीसदी आबादी गांवों में बसती है। ऐसे में गांवों को कोरोना के खतरे से बचाने की कवायद में राज्य सरकार ने टास्क फोर्स का गठन किया है।

इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव अनिल खाची ने आदेश जारी किए हैं, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि टास्क फोर्स किसी अन्य सदस्य को भी फोर्स में शामिल करने के लिए स्वतंत्र होगी।
आदेशों के मुताबिक पंचायत प्रधानों को टास्क फोर्स का अध्यक्ष बनाया गया है। वार्ड सदस्य, पंचायत सचिव, सहायक, पटवारी, पंचायत में रहने वाले शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत में पी.एच.सी. के चिकित्सा अधिकारी, एफएच डब्ल्यू , सीएचओ, आयुर्वेद विभाग के कार्यकर्ता, आशा वर्कर के साथ ही नेहरू युवा मंडलों, स्वयं सहायता समूहों और महिला मंडलों के प्रतिनिधि को भी टास्क फोर्स में शामिल किया जाएगा।
आदेशों के अनुसार टास्क फोर्स की निगरानी खंड विकास अधिकारी करेंगे। बीडीओ की निगरानी संबंधित एसडीएम द्वारा की जाएगी।
टास्क फोर्स कोविड पॉजिटिव मामलों की सूचना स्वास्थ्य व राजस्व विभाग के साथ सांझा करेंगी। इसके साथ ही जिनको सांस लेने में तकलीफ आ रही है, उनकी सक्रिय निगरानी करते हुए उन्हे जल्द से जल्द कोविड-19 परीक्षण के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। पंचायत स्तर पर बीडीओ एसडीएम की सहायता से आइसोलेशन और क्वारेंटाइन सुविधा को स्थापित किया जाएगा।
इसके साथ ही टास्क फोर्स पंचायत क्षेत्र में टीकाकरण केंद्र स्थापित करने में स्वास्थ्य विभाग की सहायता करने के साथ ही पंचायत के पात्र निवासियों को टीकाकरण करने के लिए प्रेरित करेंगी।
खास ये है कि राज्य सरकार पंचायत स्तरीय पर बेहतर कार्य करने वाले टास्क फोर्स को जिला और राज्य स्तर पर सम्मानित भी करेंगी। इसको लेकर उनके कार्यों का मूल्यांकन किया जाएगा। टास्क फोर्स पंचायत स्तर पर जागरुकता अभियान भी चलाएगी।